द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। रविवार देर रात दिल का दौड़ा पड़ने से कथक दिग्गज बिरजू महाराज का निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। कुछ दिन पहले ही महाराज के किडनी की बीमारी का पता चला था और वह डायलिसिस पर थे।
महाराज जी अपने पोते के साथ खेल रहे थे, तभी उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित महाराज जी आजीवन कथक गुरु होने के साथ-साथ एक प्रतिभाशाली हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और तालवादक भी थे।
उन्हें सत्यजीत रे के ऐतिहासिक नाटक ‘शतरंज के खिलाड़ी’ (जिसके लिए उन्होंने भी गाया था) में दो नृत्य ²श्यों के लिए और 2002 के देवदास वर्जन में माधुरी दीक्षित पर चित्रित ‘काहे छेड़ मोहे’ ट्रैक के लिए सिनेमा प्रेमियों द्वारा याद किया जाता है।
महाराज जी ने कमल हासन की बहुभाषी मेगाहिट ‘विश्वरूपम’ में ‘उन्नई कानाधू नान’ को कोरियोग्राफ करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और बाजीराव मस्तानी गीत ‘मोहे रंग दो लाल’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था।