JP’s Death Anniversary : राजनीति को भ्रष्ट होने से बचाने की जिम्मेदारी बुद्धिजीवियों पर होना मानते थे जयप्रकाश नारायण : देवेंद्र गुर्जर, भारतीय सोशलिस्ट मंच ने मनाई समाजवादी विचारक और चिंतक की पुण्यतिथि
नोएडा । सेक्टर 11 स्थित कार्यालय पर भारतीय सोशलिस्ट मंच ने प्रख्यात समाजवादी जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि मनाई। इस अवसर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र अवाना ने कहा कि राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था जब-जब अराजक होंगी तब तब लोकनायक जयप्रकाश नारायण याद आएंगे। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण किसी व्यक्ति, दल या सत्ता के विरोधी नहीं थे। उनका मानना था कि कभी-कभी व्यवस्था देश व राज्य के अनुकूल व्यवहार नहीं करती। ऐसे में समाज को जीवंत और विकास को गति देने के लिए उसमें परिवर्तन जरूरी होता है। इसके लिए संघर्ष पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। देवेंद्र अवाना ने कहा कि जेपी के जीवन को तीन हिस्सों में देखा जा सकता है। पहला, जेपी की क्रांतिकारी छवि, दूसरा, सर्वोदयी और तीसरा लोकनायक का है। तीनों को समग्रता में देखने पर विरोध की अनुभूति हो सकती है, यही जेपी की महानता थी।
जिला अध्यक्ष देवेंद्र गुर्जर ने कहा कि 1973 के नवंबर-दिसंबर की बात है कि पटना विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक और छात्र नेता जेपी से विमर्श के लिए कदमकुआं स्थित उनके निवास स्थान पहुंचे थे। इंदिरा गांधी को लेकर उन्होंने कहा था कि वह बेटी के समान हैं। उनका विरोध इंदिरा या कांग्रेस से नहीं, बल्कि व्यवस्था से है। व्यवस्था आमजन की हितैषी हो और उसमें अहंकार, भ्रष्टाचार की गंदगी न हो। इसे साफ करने की जिम्मेवारी बुद्धिजीवियों व युवाओं के कंधे पर होती है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह राजपूत,राष्ट्रीय, देवेन्द्र गुर्जर जिलाध्यक्ष गौतमबुद्धनगर, सचिव नरेंद्र शर्मा, जिला उपाध्यक्ष मौ यामीन, जिला उपाध्यक्ष विक्की तंवर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर गौरव,पप्पू,गुलशन चावला, रमेश,आदि मौजूद रहे