उत्तराखंड में बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का मुख्य द्वार कहे जाने वाले आदि शंकराचार्य की तपोभूमि जोशीमठ लगातार धंसता जा रहा है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के मुताबिक हर साल 2.5 इंच धंसता जा रहा है जोशी मठ, जोशी मठ इलाके के 723 घरों को चिह्नित किया गया है, जिसमें दरारें मिल चुकी हैं वहीं 86 ऐसी इमारतों को चिह्नित किया गया है जो पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दी गई हैं। इन इमारतों पर लाल निशान लगा दिये गये हैं। उत्तराखंड सरकार को आज इन घरों को ढहाना था लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। खराब मौसम के चलते भी समस्या बढ़ गई है।
उधर उत्तराखंड सरकार के जोशी मठ की इमारतों के ढहाने के मामले को लेकर स्थानीय लोगों में विरोध का माहौल है। जोशीमठ के मल्हारी होटल के मालिक ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए अपने परिजनों के साथ धरने पर बैठ गये हैं। वो होटल के गिराये जाने का विरोध करते हुए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। होटल के मालिक टी. सिंह राणा ने कहा कि मेरा बेटा फ्रांस में रहता है, मैं कहीं भी जा सकता हूं लेकिन मैं यहां पर जोशीमठ के लोगों के लिए बैठा हूं। जोशीमठ में इमारतों ढहाए जाने के विरोध को लेकर शहर के डीएम ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक की। डीएम ने इस दौरान लोगों को आश्वासन दिया है।
जिला प्रशासन अधिकारियों और होटल मालिकों के बीच बैठक
जिला प्रशासन ने जोशीमठ के माउंट व्यू और मल्हारी होटल के मालिकों के साथ बैठक की है। इस बैठक में होटल को गिराए जाने के विरोध को लेकर प्रशासन ने होटल मालिकों से बातचीत की। होटल के मालिकों के परिजन होटल को गिराए जाने के आदेश से नाराज होकर धरने पर बैठ गये हैं। होटल मालिकों के परिवार का कहना है कि हमें पहले से नोटिस देना चाहिए था। न हमसे किसी भी तरह के मुआवजे की बात की गई और होटल गिराने का आदेश जारी कर दिया गया। यह कैसे ?जोशीमठ में इमारतों को गिराए जाने के आदेश को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब होटल मालिकों के साथ प्रशासन ने बैठक भी शुरू कर दी है। टेलीविजन खबरों की रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि उत्तराखंड प्रशासन ने होटलों पर बुल्डोजर एक्शन से इनकार कर दिया है। बुलडोजर के इस्तेमाल से या अन्य किसी भारी मशीनरी के इस्तेमाल से ज्यादा झटका लगने का डर है। इस वजह से होटलों को गिराने के लिए ड्रिल मशीन या फिर अन्य
उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा।
सैकड़ों के जाशीमठ जिला प्रशासन ने इस इलाके से अब तक चार सौ से ज्यादा परिवारों को अस्थाई रूप से खतरे के इलाके से विस्थापित करवा दिया है। मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट करवाया गया, जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गयाथा। जिला प्रशासन ने अब तक कई संस्थाओं के लगभग साढ़े तीन सौ कमरों का अधिग्रहण करने के बाद लगभग 1400 लोगों को ठहरने का इंतजाम किया है।
10 परिवारों को दिया मुआवजा
जिला प्रशासन ने जोशीमठ ने उन 10 परिवारों को 1.30 लाख की दर से मुआवजा दिया है। इन लोगों के घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके थे। प्रशासन ने इन प्रभावित परिवारों को उनकी जरूरत के मुताबिक खाद्यान्न किट और कई लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाए गये। इस बीच लोगों ने इमारतों को गिराने के निर्णय को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था।