जेडीयू ने मणिपुर प्रमुख को हटाया

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 एनडीए के साथ बने रहने की कही बात

दीपक कुमार तिवारी।पटना।

मणिपुर की बीजेपी सरकार से जेडीयू के समर्थन वापसी चिट्ठी के बाद दिल्ली से पटना तक सियासी खलबली मच गई। आनन-फानन में किसी तरह हालात को संभालने के लिए सियासी मैनेजरों को मुस्तैद किया गया। इसका नतीजा रहा कि मणिपुर जनाता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष बीरेन सिंह को पद से हटा दिया गया। उन्होंने अपनी चिट्ठी में जेडीयू को एनडीए से अलग होने का दावा किया था। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी अब भी एनडीए के साथ है। मणिपुर में एनडीए सरकार बनी रहेगी। मणिपुर के जेडीयू नेता की ये कार्रवाई अनुशासनहीनता थी। इसलिए उन्हें हटाया गया है। उन्होंने बिना केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत किए यह पत्र लिखा था। जेडीयू की मणिपुर इकाई राज्य के विकास के लिए काम करती रहेगी।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मणिपुर जेडीयू प्रमुख का दावा भ्रामक है। उन्होंने कहा, ‘यह भ्रामक और निराधार है। पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। हमने एनडीए का समर्थन किया है और हमारा समर्थन है। मणिपुर में एनडीए सरकार आगे भी जारी रहेगी।’
राजीव रंजन प्रसाद के मुताबिक, ‘यह कदम मणिपुर जेडीयू अध्यक्ष की ओर से एनडीए से अलग होने का दावा करने के बाद उठाया गया है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई बात नहीं की थी। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) ने अपनी मर्जी से पत्र लिखा था। अनुशासनहीनता पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर पदमुक्त कर दिया गया है।’ उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जेडीयू अब भी एनडीए का समर्थन करती है। फिलहाल, हम एनडीए के साथ हैं और राज्य इकाई राज्य के विकास के लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी।’
मीडिया को जारी बयान में जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद का कहना है, ‘यह भ्रामक और निराधार है। पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। हमने एनडीए का समर्थन किया है और हमारा समर्थन है। मणिपुर में एनडीए सरकार आगे भी जारी रहेगी। मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) ने अपनी मर्जी से पत्र लिखा था। अनुशासनहीनता पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर पदमुक्त कर दिया गया है। फिलहाल, हम एनडीए के साथ हैं और राज्य इकाई राज्य के विकास के लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी।’
इससे पहले खबर आई थी कि मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। यहां पर जेडीयू के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष का हिस्सा होंगे। एनडीए घटक दल का महत्वपूर्ण हिस्सा जेडीयू है और बिहार में इनकी सरकार है। 2022 विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने मणिपुर की छह सीटें जीतीं। पांच महीनों बाद छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। 60 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 37 विधायक हैं। नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है। मणिपुर में सरकार को कोई खतरा तो नहीं था, मगर बिहार में इस असर जरूर दिखता। मगर, अब जेडीयू ने पूरे मामले को संभाल लिया।

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