लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और एनडीए को कुनबा बढ़ाने में जुटी है। इस बीच ओडिशा सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी भाजपा के संग जुड़ने की खबरें चल रही है। एनडीए गठबंधन के 400 से ज़्यादा पर सीटों का टारगेट को लेकर भाजपा ये गठबंधन कर रही है। लेकिन एक सवाल जो सबके मन में खटक रहा है वो कि आखिर नवीन पटनायक भाजपा के साथ जाने के लिए क्यों आगे जाने को तैयार है जबकि दो दशक से ज्यादा से समय से वह ओडिशा के सीएम है और लोकसभा में भी वह राज्य में सबसे ज्यादा सीटे जीत रहे है। ऐसे में यह खबरें भी सामने आ रही है की बीजेडी के कुछ सीनियर नेताओं का कहना है कि
15 साल के बाद भाजपा के साथ आने में यह भी एक मुख्य वजह है कि नवीन पटनायक अपने उत्तराधिकारी के प्लानिंग में लगे हुए है। बात करे नवीन पटनायक
कि भले हि बीजेडी के प्रमुख नेता बने हुए है। लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए वो इस प्लानिंग में लग गए है। पिछले कुछ समय में बीजेडी के काफी विधयकों ने पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थम लिया है। दरअसल पिछले’काफी समय से नवीन पटनायक काफी सांसद और विधयाक के टिकट काटने की योजना में है वह अब नए चेहरे को शामिल करना चाहते है इसके चलते नेताओ में बेचैनी है इस दौरान उनकी पार्टी चर्चा में है कि वह अपनी पार्टी से अब नए
उत्तराधिकारी के लिए के वी पांडियन का नाम चल रहा है। जो कि एक नौकरशाह थे फिलहाल वह सीएम की ओर से पूरे प्रदेश में दौरे कर रहे है और अहम फैसले भी ले रहे है। जिसकी वजह से इनकी पार्टी की काफी नेताओं ने बीजेपी में अपना दामन देखना चालू कर दिया है। इस पूरे खेल को देखते हुए उन्होंने बीजेपी के साथ जाने का फैसला लिया है’ उनका ऐसा मानना है की ऐसे करने से बागी नेता क्या करेंगे। इस फैसले से दोनों पार्टी में स्थिरता भी रहेगी और केंद्र में अच्छे रिश्ते भी बने रहेंगे। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में इसका कितना असर होगा ये तो देखने लायक रहेगा ,