जो मोदी सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बिजली-पानी और राशन मुफ्त देने पर रेबड़ी बांटने का आरोप लगाती है उसकी मोदी सरकार ने फिर से 81 करोड़ लोगों को एक साल तक मुफ्त अनाज मुहैया कराने का ऐलान किया है। मोदी सरकार ने इसे तोहफे का नाम दिया है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या यह रेबड़ी नहीं है ? यदि तोहफा है तो यह तोहफा किसकी देन है ? दरअसल यह मुफ्त अनाज खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिया जा रहा है और खाद्य सुरक्षा अधिनियम कांग्रेस की देन है। मतलब यह सब मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया है। दरअसल खाद्य मंत्री पीयूष गोयल न मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि क्या मोदी सरकार अपने कार्यकाल में 81 करोड़ लोगों को ऐसा मानती है जो कमाकर नहीं खा सकते हैं। या फिर उनके पास काम नहीं है।
केंद्र सरकार ने कहा कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 81 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त अनाज मिलेगा। लाभार्थियों को जनवरी 2023 से अगले एक वर्ष तक उनकी पात्रता के अनुसार मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। हालांकि सरकार ने अप्रैल 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर दिया है। कोविड १९ के तहत हरह व्यक्ति को 5 किलो खाद्यान्न सब्सिडी दरों पर एनएफएसए पात्रता के शीर्ष पर 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया।