चरण सिंह राजपूत
इसे राजनीति कहें या कानून का शिकंजा या फिर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देना कि एक ओर देश की आर्थिक राजधानी के एयरपोर्ट से 35 किलो हेरोइन बरामद होने के मामले में 2 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर मामले को शांत कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर एक धर्म विशेष के फिल्म स्टार का बेटा ड्रग्स केस में पकड़ा गया तो लंबी जांच के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। यह स्थिति तब है जब एक राष्ट्रीय अख़बार में उसके खिलाफ किसी प्रकार का कोई केस न मिलने की खबर छप चुकी है। दरअसल खबर छपते ही एसआईटी प्रमुख और एनसीबी डीडीजी (ऑपरेशन) संजय सिंह ने खुद सामने आकर आर्यन खान को किसी प्रकार की कोई क्लीन चिट न मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ‘यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जांच अभी जारी है, कई बयान दर्ज अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।’
दरअसल जांच रिपोर्ट के बारे में हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार, “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स की एक बड़ी साजिश या एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे। कॉर्डेलिया क्रूज पर छापे और आर्यन खान की गिरफ्तारी के दौरान, कई अनियमितताएं एनसीबी द्वारा की गयी थीं।” एनसीबी की एसआईटी द्वारा, की गयी जांच में, एनसीबी की मुंबई इकाई के आरोपों के विपरीत, निकलने वाले यह कुछ प्रमुख निष्कर्ष हैं, जिन्हें अखबार ने सूत्रों के हवाले से छापा है। एसआईटी के अनुसार- आर्यन खान के पास कभी भी ड्रग्स नहीं मिला था, इसलिए उसका फोन कब्जे में लेने और उसकी चैट की जांच करने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। चैट से यह नहीं पता चलता कि आर्यन खान किसी अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के हिस्से थे। छापे की वीडियो-रिकॉर्डिंग एनसीबी मैनुअल द्वारा तय किये गए दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं की गयी थी। मामले में गिरफ्तार कई आरोपियों से बरामद दवाओं को, अलग-अलग रिकवरी मेमो के द्वारा नहीं बल्कि एकल वसूली के रूप में दिखाया गया था। यह जांच के शुरुआती निष्कर्ष हैं और अभी एसआईटी जांच को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। समीर बानखेड़े जो एनसीबी के जोनल डायरेक्टर थे, ने आरोप लगाया था कि, “आर्यन पर ड्रग्स लेने का आरोप है, उसके बाद, उस पर, एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह वैश्विक ड्रग कार्टेल के संपर्क में भी था। एनसीबी ने 14 लोगों को, छापे के दौरान रोका था और उनसे लंबी पूछताछ के बाद आर्यन खान (24), अरबाज मर्चेंट (26) और मुनमुन धमेचा (28) को 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। आर्यन खान को 28 अक्टूबर को, अदालत से जमानत मिल गई थी। यह छापा 2 अक्टूबर, 2021 को पड़ा था।” एसआईटी ने एनसीबी के इन आरोपों को सही नहीं पाया है और जांच तथा छापेमारी दल का नेतृत्व करने वाले, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई की क्षेत्रीय इकाई के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े के आचरण और जांच पर भी सवाल उठाया है। समीर वानखेड़े को, उनके मूल कैडर में प्रत्यावर्तित भी कर दिया गया है। एसआईटी जांच के शुरुआती निष्कर्षों ने बंबई उच्च न्यायालय की उन टिप्पणियों को भी सही ठहराया, जो बॉम्बे हाईकोर्ट ने, पिछले साल 28 अक्टूबर को आर्यन खान को जमानत देते समय की थी। हाईकोर्ट के जमानत फैसले में, कहा गया था कि “किसी भी साजिश के अस्तित्व का कोई सबूत नहीं मिला था।” कॉर्डेलिया क्रूज की एसआईटी जांच के अनुसार, आर्यन खान ने अपने दोस्त से कभी नहीं पूछा था कि, क्या क्रूज पर ड्रग्स लाए जायेंगे।
दरअसल इस मामले के सूत्रधार समीर वानखेड़े के खिलाफ एनसीबी को विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए। ऐसे अफसरों की इस प्रकार की हरकतों से न केवल महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों की साख पर सवाल उठा है बल्कि जांच एजेंसियों की प्रोफेशनल कार्यवाही पर से भी लोगों का भरोसा उठने लगा है। साख के संकट के कारण ऐसे संवेदनशील और हाई प्रोफाइल मामले, पुलिस या सामान्य जांच या लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के पास से हटा कर, विशेषज्ञ जांच एजेंसियों को सौंपे जाते हैं। एनसीबी भी इसी प्रकार की एक विशेषज्ञ जांच एजेंसी है, जो मादक पदार्थों, ड्रग और अन्य नशा से जुड़े बड़े मामलों की धर पकड़, उसकी तफ्तीश और अभियोजन के लिये गठित की गयी है।
दरअसल शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 3 अक्टूबर को दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था। आर्यन खान की गिरफ्तारी एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत की गई थी। शाहरुख खान के बेटे पर आरोप लगा था कि उसने रेव पार्टी में हिस्सा लिया थाl दरअसल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जिस क्रूज पर छापा मारा थाl जहां पर रेव पार्टी चल रही थीl इस छापेमारी में शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान भी पकड़ा गया था। इसके पहले 8 लोगों के नाम एनसीबी के मुंबई डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने जारी कर बताए थेl यह नाम आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमीजा, नूपुर सारिका, इस्मत सिंह, मोहक जसवाल, विक्रांत चोकर और गोमित चोपड़ा शामिल थे। ज्ञात हो कि ड्रग्स केस में आर्यन खान अभी जमानत पर बाहर है। इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था, ‘नाम न बताने की शर्त पर केस से जुड़े लोगों ने बताया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच टीम (एसआईटी) को इस बात का कोई सबूत नहीं मिले हैं कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स की बड़ी साजिश या एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे।’ आर्यन खान की गिरफ्तारी मुंबई से गोवा जा रहा यॉच कॉर्डेलिया पर छापेमारी के दौरान हुई थी। इस यॉच पर भारी मात्रा में ड्रग्स मिली थी। आर्यन खान के पास कभी भी ड्रग्स नहीं मिली, इसलिए उसका फोन लेने और उसकी चैट की जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। चैट से यह नहीं पता चलता कि आर्यन खान किसी अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा था। छापे की वीडियो-रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी जैसा कि एनसीबी मैनुअल द्वारा अनिवार्य किया गया था। मामले में गिरफ्तार किए गए कई आरोपियों के पास से बरामद नशीली दवाओं को आर्यन खान समेत सभी आरोपियों से मिली ड्रग्स के रूप में दिखाया गया।