Iran Hijab Protest: इन दिनों ईरान की तस्वीरें ईटरनेट में फैली हुई है जिसमें लोग सड़को पर प्रदर्शन करते दिखाई दे रहें है, 13 सितंबर के दिन ईरान की पुलिस 22 साल की एक लड़की “महसा अमीनी” को गिरफ्तार करती है।
क्योंकि महसा ने अपना हिजाब(Hijab) ठीक तरीके से नहीं पहना था, लेकिन इस एक गिरफ्तारी के बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरी दुनिया दहल गई।
महसा अमीनी की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही पुलिस स्टेशन के बाहर एक Ambulance आती है और अमीनी को अस्पताल ले जाती है, अस्पताल ले जाते ही बताया जाता है कि अमीनी अब कोमा में है।
3 दिन तक कोमा में रहने के बाद 22 साल की महसा अमीनी की मौत हो जाती है। जिसका जिम्मा सरकार पर जा रहा।
इस घटना के बाद ईरान में मानों सब कुछ बदल गया, ईरान के लगभग 80 देशों में ये प्रदर्शन पहुंच गया। लगभग 100 से अधिक लोगों की मौत, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल, जगह जगह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी।
सरकार का पक्ष –
ईरान की मोरैलिटी पुलिस बताती है कि अमीनी की मौत ‘तुरंत हार्ट फेलियर की वजह से हुई थी, लेकिन जो लोग वहां पर गिरफ्तारी के समय मौजूद थे उन्होंने बताया कि
“ पुलिस वैन में अमीनी को बुरी तरह पीटा गया था जिसके बाद वो कोमा में चली गई थीं”।
जाहिर है परिवार ने इन बातों को मानने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद ईरान सरकार ने एक वीडियो रिलीज की जिसमें एक महिला को चक्कर आने के कारण गिरते हुए दिखाया गया, बताया गया कि
ये अमीनी है और बचपन में अमीनी की ब्रेन सर्जरी हुई थी जिसके कारण उन्हें चक्कर आया। लेकिन उस बार भी परिवार ने इन सारी बातों से साफ इंकार किया।
हॉस्पिटल से लीक हुआ वीडियो –
परिवार लगातार मांग कर रहा था कि पुलिस पूरा वीडियो रिलीज करें क्योंकि पुलिस की वैन से लेकर हर जगह कैमरे लगे हुए थे, जिससे सच सामने आ सकें।
इसके बाद हॉस्पिटल से महसा अमीनी की फोटो लीक होती है जिनमें साफ तौर पर उनके शरीर पर चोट के निशान दिखते है। इन फोटो के सामने आते ही से ये बात साफ हो जाती है कि महसा पुलिस टॉर्चर का शिकार हुई थीं।
ईधर ये सारी बातें ईरान के लोगों तक पहुंचती है, गुस्साए लोग ईरान की सड़को पर आ जाते है और इंसाफ की मांग करते है, महसा अमीनी के अंतिम संस्कार के दौरान वहां शामिल महिलाओं ने विरोध में अपने हिजाब उतार दिए, जनाजे में शामिल प्रदर्शनकारियों ने ‘तानाशाह की मौत हो‘ के नारे लगाए।
दरअसल ये नारे ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामनेई के लिए लगाए गए।
लड़कियों ने काटे बाल जलाए हिजाब –
महसा अमीनी के जनाजे से शुरू हुआ विरोध एक movement बनता चला गया, जगह – जगह महिलाओं ने अपने हिजाब जला दिए तो कई जगह उन्होंने अपने बाल काट दिए। 16 साल के ज़कारिया को ईरान में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लग गई जिसके चलते उनकी मौत हो गई लेकिन वो अकेले नहीं थे।
अब तक लगभग 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, ये संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि जगह जगह इंटरनेट बंद कर दिए गए है, इसके बाद भी जैसे तैसे करके कुछ फुटेज बाहर आ रही है।
पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्तांओं, आम नागरिकों को जेल में डाला जा रहा है, देश में अलग अलग जगह इंटरनेट बंद कर दिए गए है।
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अमीनी अगले महीने ही कॉलेज में पढ़ने जा रही थी, कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले अपने भाई के साथ वे तेहरान घूमने आई थी, इसी महीने अमीनी 23 साल की होने जा रही थी, अमीनी माइक्रोबायोलॉजी पढ़ना चाहती थी, एक डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगी,
उनके पिता को अंतिम यात्रा के समय भी उनका चेहरा नहीं देखने दिया गया, उन्हें दिखा तो बस अमीनी का तलवा जिसमें भी चोट के निशान थे।