दिल्ली जंतर-मंतर पर सहारा से आर-पार की लड़ाई लड़ने को पहुंच रहे निवेशक 

दिल्ली जंतर-मंतर पर सहारा

7 फरवरी को राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जुट रहे हजारों आंदोलनकारी 

राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश दिवाकर का दावा – बिहार से  सोनेलाल शाह के नेतृत्व 1000, दिल्ली से  तजिंदर सिंह के नेतृत्व में 1000,  हरियाणा से रोहताश सिंह के नेतृत्व में 1000, राजस्थान से  विजय वर्मा व मनोज शर्मा के नेतृत्व में  1000,  उत्तर प्रदेश से आरिफ खान के नेतृत्व में 2000, मध्य प्रदेश से योगेश गोयल के नेतृत्व में 500 लोग आंदोलन में हो रहे हैं शामिल 

चरण सिंह राजपूत 
नई दिल्ली। भले ही सहारा इंडिया सेबी पर पैसा फंसा होने का बहाना बनाकर निवेशकों को पैसा न दे रहा हो पर आंदोलित निवेशक इन सबके लिए सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय और ओपी श्रीवास्तव समेत दूसरे निदेशकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वैसे तो बकाया भुगतान को लेकर देशभर में आंदोलन चल रहा है पर देश की राजधानी दिल्ली में जो आंदोलन होने जा रहा है उसका ऐतिहासिक होने का दावा किया जा रहा है। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले ७ फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर होने जा रहे आंदोलन में हजारों पीड़ित निवेशकों के जुटने का दावा किया जा रहा है। आंदोलन के नेतृत्वकर्ता इस लड़ाई को आर-पार की लड़ाई बता रहे हैं। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने दिल्ली जंतर मंतर पर होने वाले आंदोलन को आरपार की लड़ाई बताया है। उनका कहना है कि इस आंदोलन में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा भोली भाली जनता को ढगे जाने व उसका भुगतान न देने के विरोध में यह आंदोलन चलेगा। जब  तक उनका हक़ नहीं मिल जाता तब तक वे दिल्ली में डटे रहेंगे। दिनेश चंद्र दिवाकर का दावा है कि दिल्ली में होने वाले आंदोलन में  उनके संगठन के बिहार अध्यक्ष सोनेलाल शाह के नेतृत्व 1000 पीड़ित निवेशक बिहार सूबे से दिल्ली जंतर मंतर पर पहुंचेंगे। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष तजिंदर सिंह के नेतृत्व में 1000 और हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष रोहताश सिंह के नेतृत्व में भी 1000 व राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष विजय वर्मा व मनोज शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान से भी हजारों पीड़ित दिल्ली पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि  उत्तर प्रदेश अध्यक्ष आरिफ खान के नेतृत्व में 2000, मध्य प्रदेश अध्यक्ष योगेश गोयल के नेतृत्व में 500 लोग आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। दिनेश चंद्र दिवाकर का दावा है यह लड़ाई आर पार की होगी, सुब्रत राय के हथकंडे चलने नहीं दिए जाएंगे। उनकों मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। उनका कहना है कि जब तक सहारा, नव जीवन,  पीएसीएल आदि फ्रॉड कंपनी निवेशकों का भुगतान नहीं कर देती तब तक आंदोलन जारी  रहेगा। उनका दावा है कि उनका आंदोलन मोदी सरकार को उस तरह से झुकने को मजबूर कर देगा जैसा कि किसान आंदोलन ने किया है।
मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव राधेश्याम सोनी आज़ाद का कहना है कि देश भर से तमाम सामाजिक संगठनों का समर्थन राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा को मिल रहा है, जिसमे मोर्चा जंतर मंतर पर टेंट व तंबू गाड़कर यह लड़ाई लड़ेगा।
दिनेश चंद्र दिवाकर ने इलाहाबाद में रेलवे भर्ती को लेकर चल रहे आंदोलन में जिस तरह से  पुलिस ने छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया है, उसकी हम निंदा करते हैं। इस बर्बरता  के लिए न केवल रेलवे मंत्री बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जिम्मेदार हैं। दरअसल सहारा पर निवेशकों का 1 लाख 25 हजार रुपए की देनदारी बताई जा रही है।
दरअसल सहारा ग्रुप सेबी में पैसे फंसे होने का बहाना बनाकर न केवल निवेशकों बल्कि कर्मचारियों को भी बेवकूफ बना रहा है। सहारा के निदेशक सुब्रत राय, ओपी श्रीवास्तव जेबी राय के के परिजन सहारा से अलग अपना-अपना कारोबार कर रहे हैं। अपने को सहारा परिवार का मुखिया बताने वाले सुब्रत राय ने अपने विश्वसनीय लोग सहारा की अलग-अलग संस्थाओं में बैठा दिये हैं। मौजूदा समय में सुब्रत राय के परिवार में से कोई भी सदस्य सहारा में सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहा है। अकेले सुब्रत राय समय-समय पर मीटिंग लेते और सर्कुलर जारी करते दिखाई देते हैं। देश के विभिन्न राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल, उत्तराखंड समेत कई प्रदेशों में सहारा के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं पर सरकार से मिलीभगत के चलते सहारा के मुखिया सुब्रत राय का कुछ बिगड़ नहीं पा रहा है। आंदोलनकारी लगातार केंद्र सरकार पर सुब्रत राय को शह देने का आरोप लगा रहे हैं। यह भी अपने आप में प्रश्न है कि 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आये सुब्रत राय छह साल बाद भी पैरोल पर ही जेल से बाहर हैं। उल्टा सहारा ने सेबी पर अपना पैसा बताते हुए सेबी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। अब देश की राजधानी में सहारा निवेशकों के डटने से सहारा पर क्या असर पड़ता है। ये आंदोनकारी सहारा या फिर सरकार को अपने आंदोलन से प्रभावित करत पाते हैं यह तो समय ही बताएगा।

Comments

One response to “दिल्ली जंतर-मंतर पर सहारा से आर-पार की लड़ाई लड़ने को पहुंच रहे निवेशक ”

  1. S.Radhamohan Babji Avatar
    S.Radhamohan Babji

    Why is SEBI silent on Sahara’s claims
    and not clear the mess with facts and figures ?

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