Indian Railway History in Hindi
Indian Railway History in Hindi: भारतीय रेल्वे दुनियाभर में नौकरी देने वाली सबसे बड़ी कंपनी हैं। इसी के साथ यह दुनिया भर का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क हैं। भले भारतीय रेल्वे हवाई जहाज से तेज नहीं लेकिन भारतीय रेल्वे भारत के हर तबके को अपने साथ लेकर चलता है भारत में रेलवे को सस्ता और सुगम बने रहने के कारण हर इंसान इसमें आसानी से कम पैसे में भारत भ्रमण कर सकते हैं। इसी कारण हर भारतीय इसे जुड़ा हुआ है।
भारतीय रेल्वे के कारण ही लोग नये – नये रोजगारों की तलाश करने के लिए बड़े शहरों में जा पाए। 150 सालों के अपने इतिहास में रेलवे ने देश के कोने कोने में अपनी पहुंच बना ली हैं। आज भारतीय रेलवे का नेटवर्क 67 हजार 956 कि.मी. तक फैला हुआ हैं। इसी के साथ 13 हजार के लगभग यात्री ट्रेन और 8 हजार के लगभग माल गाड़ी हैं। तो चलिए भारतीय रेलवे के इतिहास (Indian Railway History in Hindi) को जानते हैं।
रेलवे का इतिहास (Who Introduced Railway in India)-
भारतीय रेलवे के निर्माण का श्रेय ब्रिटिश सरकार के गवर्नर लॉर्ड डलहौजी को जाता हैं, क्योंकि इंग्लैंड में रेलवे का आविष्कार पहले ही हो चुका था और अंग्रेज इसका इस्तेमाल अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए, सामान की ढुलाई के लिए करते थे। इसी कारण अंग्रेजों ने इसे भारत भी लाया क्योंकि भारत की सीमाएं काफी विस्तृत थी और अंग्रेज अपना कारोबार यहां भी बढ़ाना चाहते थे।
पहली बार रेल्वे महाराष्ट्र के बोरिबंदर से थाने के बीच चलाई गई। 1833 में चलाई गई इस पहली ट्रेन ने 34 कि.मी. की थी। इस ट्रेन के तीन अलग डब्बे थे साहिब, सिन्ध और सुल्तान थे। 14 डिब्बों की ये ट्रेन 400 लोगों को एक बार में एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में समझ थी। इसी के साथ 16 अप्रैल को पब्लिक हॉलीडे भी मनाया जाता हैं।
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शुरुआत (Who Introduced Railway in India) में अंग्रेजों ने रेलवे को अपने निजी हित के लिए चलाया। रेल्वे ने करीब 50 साल तक घाटे में चली इसलिए बाद में इसे निजी कंपनियों के अलावा सरकार ने भी समर्थन दिया। अंग्रेजो के निजी हितों के लिए बनाई गई कंपनी धीरे – धीरे भारतीयों को भारत भ्रमण में सहायता बन गई।
आजादी के पहले और बाद का रेलवे –
20वीं सदी के समय में रेल्वे कई बड़े बदलावों (Indian Railway History in Hindi)) का साक्षी बनता है जैसे कि गांधी का भारत भ्रमण, काकोरी कांड लेकिन इसने बुरा दौर भी देखा 1947 का भारत विभाजन। सबसे बड़ा आघात इसी से पहुंचा क्योंकि रेलवे का 40 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में चला गया। इसके बाद भारत में रेलवे के विकास का कार्य शुरु होता हैं। 1951 में भारत में रेलवे (First Railway in India 1851) को 2 बड़े भागों में बाटा जाता हैं। 5 नवम्बर को सेंन्ट्रल रेल्वे और वेस्टर्न रेलवे में बांटा गया। इसके बाद इसमें northern railway भी जोड़ा जाता हैं।
1979 से भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण करना शुरू किया गया। इसके बाद भारतीय रेलवे में स्टीम इंजन को हटा कर इलेक्ट्रिक इंजन को लाने का कार्य किया जाता हैं और इसमें काफी काम किये जाते हैं इसी बीच बंगाल में मेट्रो सेवा शुरू की जाती हैं। और कंप्यूटर के इस्तेमाल को भी भारतीय रेलवे में लाया जाता हैं। जैसे की टिकट बुक करना, कस्टमर सर्विस इत्यादि।
21वीं सदी का रेल्वे –
साल 2002 में IRCTC का शुरुआत की जाती हैं और दिल्ली में मेट्रो की शुरुआत की जाती हैं। इसके साथ भारत के अन्य महानगरों में मेट्रो की शुरुआत की जाता हैं। और धीरे – धीरे भारतीय रेल्वे अपना विकास करता हैं।
आज भारतीय रेलवे के 6 हजार स्टेशनों में Free Wi-Fi हैं। इसी के साथ भारत में बुलेट ट्रेन की पर भी काम जारी है जो कि मुम्बई से अहमदाबाद तक चलाई जाएगी। 2019 में भारतीय रेल्वे ने वन्दे भारत ट्रेनों की शुरुआत की। 2019 में ही भारत में पहली निजी ट्रेन तेजस की भी शुरुआत की गई। भोपाल का रानी कमलापति भारतीय रेलवे का पहला निजी रेलवे स्टेशन बना।
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भारतीय रेलवे का अब तक का इतिहास (Indian Railway History in Hindi) काफी रोचक रहा हैं। कोरोना काल में पहली बार भारतीय रेल्वे पर पहली बार रोक लगाई गई । लेकिन इस मुश्किल समय में भारतीय रेलवे ने श्रमिक एक्सप्रेस चलाई, कोविड केयर सेन्टर बना कर सरकार को हर संभव मदद पहुंचाई। भारतीय रेल्वे भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।