India Russia Satellite City China: भारत रूस में एक सैटेलाइट शहर बसाने की इच्छा रखता है। यह शहर रूस के रणनीतिक रूप से बेहद अहम सुदूरपूर्व इलाके में व्लादिवोस्तोक के पास होगा। यह पूरा इलाका तेल और गैस से भरा हुआ है और चीन की इस पर गिद्ध नजर है। यही वजह है कि रूस भारत की मदद चाह रहा है।
मास्को: यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और चीन के बीच दोस्ती शिखर पर पहुंच गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में रूस का दौरा कर पश्चिमी देशों के खिलाफ हमला बोला था। रूस को चीन के साथ इस दोस्ती में एक बड़ा खतरा भी नजर आ रहा है और उससे निपटने के लिए वह भारत की मदद चाह रहा है। दरअसल, रूस के रणनीतिक रूप से बेहद अहम सुदूर इलाके व्लादिवोस्तोक पर चीन की नजर है जो प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। चीन के कई लोग इसे अपना हिस्सा भी बताते हैं। चीन के इस खतरे के बीच भारत की मोदी सरकार ने भी रूस की मदद के इरादे जाहिर कर दिए हैं। भारत ने कहा है कि वह व्लादिवोस्तोक में एक सैटेलाइट शहर बसाना चाहता है।
भारत व्लादिवोस्तोक में बंदरगाह, रोड और ऊर्जा से जुड़े आधारभूत ढांचे को विकसित करना चाहता है जो मोदी सरकार के एक्ट फॉर ईस्ट पॉलिसी का हिस्सा है। हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस इलाके में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। यही वजह है कि रूस चाहता है कि भारत उसके इस इलाके में अपनी उपस्थिति को और ज्यादा बढ़ाए। चीन के कई राष्ट्रवादी रूस के इस इलाके पर अपना दावा करते हैं। रूस और भारत दोनों ही ट्रांस आर्कटिक कंटेनर शिपिंग लाइन शुरू करने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं जो उत्तरी समुद्र रास्ते से होकर जाएगा।
रूस से भारत का सफर होगा आसान
रूस के फॉर ईस्ट और आर्कटिक मामलों के मंत्री अलेक्सी चेकूनकोव ने इसकी जानकारी दी है। अलेक्सी भारत की यात्रा पर आए थे और बंदरगाह तथा जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ मुलाकात की थी। रूस की योजना है कि यूरोप जाने वाले सामानों को दक्षिणी या पश्चिमी रास्ते की बजाय उत्तरी समुद्री रास्ते और पूर्वी रास्ते से किया जाए जो दोनों ही देशों के बंदरगाहों के बीच हो। इससे मास्को से भारत आने वाले कंटेनर का खर्च व्लादिवोस्तोक से मंगाने पर 30 फीसदी कम हो जाएगा।
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इससे पहले पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि भारत उत्तरी समुद्री रास्ते को विकसित करने और उसे वैश्विक व्यापारिक रास्ते में बदलने में रूस की मदद करना चाहता है। उत्तरी समुद्री रास्ता या नार्दन सी रूट में रूस का पूरा आर्कटिक का इलाका और सुदूर पूर्वी इलाका आता है। पुतिन चाहते हैं कि इस रास्ते को विकसित किया जाए जिससे उनके इस वीरान इलाके को फायदा हो। यह इलाका वैश्विक ट्रांसपोर्ट का हब बने। इस रास्ते के बनने से यूरोप तक जाने का खर्च और समय दोनों ही बचेगा। अब तक जहाज स्वेज या पनामा नहर के माध्यम से यह सफर तय करते हैं।