भ्रष्टाचार के मामले में भारत की स्थिति पहले की तुलना में और ज्यादा खराब हो गई है। विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति की जानकारी देने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 180 देशों की करप्शन रिपोर्ट मंगलवार को जारी कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 के मुकाबले 2023 में भ्रष्टाचार बढ़ा है। संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में भारत 2023 में 93वें स्थान पर आ गया है, जबकि एक साल पहले 2022 में यह 85वें स्थान पर था। 180 देशों की इस रैंकिंग में नंबर 1 पर आने वाले देश में सबसे कम जबकि 180 नंबर पर आने वाले देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होता है।
भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक चीन 76वें और पाकिस्तान 133वें नंबर पर है, भूटान 26वें स्थान पर है , श्रीलंका लिस्ट में 115वें नंबर पर है जिसका अर्थ यह है कि यहां भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है। नेपाल लिस्ट में 108वें नंबर पर है । बांग्लादेश 149वें नंबर पर जबकि अफगानिस्तान 162वें नंबर पर है। इस तरह भूटान और चीन को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश पड़ोसी देशों में भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है।
सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देशों की बात करें तो डेनमार्क पहले नंबर पर है। इसके बाद फिनलैंड दूसरे, न्यूजीलैंड तीसरे, नॉर्वे चौथे और सिंगापुर पांचवे नंबर पर है। सिंगापुर इकलौता ऐसा एशियाई मुल्क है जो इस लिस्ट में टॉप 10 में शामिल है। वहीं, टॉप 20 की बात करें तो इसमें एशिया से सिंगापुर के अलावा हांगकांग और जापान ही हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार सोमालिया में है और यह देश लिस्ट में 180वें पायदान पर है। सोमालिया के अलावा वेनेजुएला, सीरिया, साउथ सूडान, यमन और नॉर्थ कोरिया दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल हैं।
इस इंडेक्स के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के एक्सपर्ट्स हर देश के पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार का आकलन करते हैं। इसके बाद हर देश को 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है। जिस देश में जितना ज्यादा भ्रष्टाचार, उसे उतना कम स्कोर दिया जाता है। इसी आधार पर इंडेक्स में रैंकिंग निर्धारित होती है।
Corruption Perceptions Index, 2023 में बताया गया कि सोमालिया का ओवरऑल स्कोर 11 है और यह भ्रष्टाचार की रैंकिंग में सबसे नीचे है। इससे थोड़ी ठीक स्थिति वेनेजुएला की है, जिसकी रैंकिंग 177 और स्कोर 143 है। नीचे से तीसरे नंबर पर सीरिया है, जिसकी रैंकिंग वेनेजुएला के बराबर ही है, यानी रैंक-177 और स्कोर 13। साउथ सूडान की भी यही रैंकिंग और स्कोर है। इसके बाद अंत में नीचे से 5 वें नंबर पर येमेन है। जिसकी रैंकिंग 176 औऱ स्कोर 16 है।
क्यों बढ़ रहा भ्रष्टाचार?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों के सरकारी अधिकारी अपनी इनकम बढ़ाने के एक तरीके के तौर पर अक्सर भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र 2024 में एक बड़े चुनावी वर्ष का सामना कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, सोलोमन द्वीप, दक्षिण कोरिया और ताइवान में चुनाव होंगे। भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में कहा गया है कि एक और वर्ष ऐसा होगा जिसमें भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में कोई सार्थक प्रगति नहीं होगी।