कहा- चुनावी नतीजों से बौखला रहा है दल, भाजपा की गुजरात ईकाई ने एक ट्वीट में अरविंद केजरीवाल और आप पर निशाना साधते हुए कहा, “शिक्षक स्कूलों की जगह रोड पर क्यों हैं?
द न्यूज 15
नई दिल्ली। इसी साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सफलता हासिल करने के बाद अब गुजरात पर निगाहें गड़ाई हैं। ऐसे में पार्टी के कई बड़े नेता राज्य का दौरा भी कर रहे हैं। इसको लेकर भाजपा और आप में जोरदार बहस देखने को मिल रही है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुजरात के शिक्षा मंत्री को डिबेट के लिए चैलेंज किया है।
दरअसल देश में दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपनी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बताती आ रही है। इसको लेकर भाजपा की गुजरात ईकाई ने एक ट्वीट में अरविंद केजरीवाल और आप पर निशाना साधते हुए कहा कहा है कि शिक्षक स्कूलों की जगह रोड पर क्यों हैं? अगर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था इतनी अच्छी है तो अतिथि शिक्षक, व्यावसायिक प्रशिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
इस पर मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट के माध्यम से भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी को डिबेट करने का खुला चैलेंज दिया है। अपने ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि कल से गुजरात भाजपा दिल्ली स्कूलों के ख़िलाफ़ ट्वीट कर रही है। गुजरात में आप के बढ़ते प्रभाव और पंजाब चुनाव नतीजों से आपको बौखलाहट हो रही है।” उन्होंने लिखा कि भाजपा शिक्षा की बात ना ही करे तो अच्छा है। मैं गुजरात के शिक्षामंत्री जीतू वाघानी जी को डिबेट के लिए चैलेंज करता हूं। स्थान व समय आपका।
दरअसल बीते गुरुवार को गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने ऐलान किया कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्रों के स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को हिस्सा बनाया जाएगा। इसको लेकर मनीष सिसोदिया ने तंज कसते हुए कहा था कि रावण जैसे कर्म वाले गीता की बात कर रहे हैं।
बता दें कि गुजरात के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि “सभी धर्मों के लोगों ने श्रीमद्भगवत गीता के मूल्यों, सिद्धांतों और महत्व को स्वीकार किया है। कक्षा 6 के विद्यार्थियों में रूचि बनी रहे, इस तरह से श्रीमद्भगवद् गीता को पेश किया जाएगा। इसे पाठ्य पुस्तकों में कहानियों और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्रों को भगवद गीता का ‘गहरा परिचय’ दिया जाएगा।
इस पर मनीष सिसोदिया ने जवाब दिया है कि यह कदम निश्चित रूप से बढ़िया है पर फैसले को लागू करने वाले लोग खुद पहले गीता के मूल्यों का अभ्यास करें। उनके कर्म रावण की तरह हैं और वे गीता के बारे में बात करते हैं।