नई दिल्ली, किसान अपने आंदोलन को लेकर आज एक बड़ा फैसला कर सकते हैं। बताया जा रहा है सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मिलते ही किसान आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर देंगे। दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चे की 5 सदस्यीय समिति ने आपात बैठक बुलाई है जो संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले होगी। सूत्रों के मुताबिक यह समिति कृषि मंत्री से भी मुलाकात कर सकती है। यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इनके फैसला करने के बाद मोर्चे के अलग किसान संगठनों के सामने बात रखी जाएगी, उसके बाद किसानों की सहमति लेने के बाद आगे की कोई घोषणा होगी।
दरअसल किसान आंदोलन वापस लेते ही किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों के मुताबिक, सरकार उसपर काम करना शुरू करे हम आंदोलन को लेने की घोषणा कर देंगे।
किसानों द्वारा सरकार को इन बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है, यदि सरकार की तरफ से इसपर स्पष्टीकरण दे दिया जाएगा तो कुछ अहम फैसला किसान ले लेंगे।
दरअसल कृषि कानून वापसी लेने के बाद भी किसानों ने अपनी कुछ अन्य मांगे सरकार के सामने रखी, इसके बाद सरकार की ओर से इन अधिकतर मांगों को भी मान लिया गया है।
हालांकि इसमें कोई शक नहीं सरकार कहीं न कहीं विधानसभा चुनावों से पहले किसानों की मांगों को मान यह आंदोलन खत्म कराना चाहती है। इसी वजह से बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संयुक्त किसान मोर्चा को एक मसौदा प्रस्ताव भेजा है, जिसमें मुआवजे, एमएसपी और पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को वापस लेने की किसानों की अधिकांश मांगों को कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया गया था।