बीमा कंपनी से छिपाई ‘शराब की लत’ तो नहीं मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम

सुप्रीम कोर्ट ने LIC ने एक व्यक्ति के क्लेम को कर दिया खारिज 
‘जीवन आरोग्य’ स्कीम के अंतर्गत स्कीम में छिपाई थी शराब की लत 

द न्यूज 15 ब्यूरो

नई दिल्ली। इंश्योरेंस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति पॉलिसी खरीदते समय शराब पीने की आदत के बारे में जानकारी नहीं देता है, तो बीमा कंपनी उसके क्लेम को रद्द कर सकती है। यह फैसला जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने दिया है। दरअसल, LIC ने एक व्यक्ति की ‘जीवन आरोग्य’ स्कीम के तहत अस्पताल में भर्ती होने के क्लेम को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने LIC के इस फैसले को सही ठहराया। क्योंकि पॉलिसी खरीदते समय व्यक्ति ने अपनी शराब पीने की आदत के बारे में गलत जानकारी दी थी।

पॉलिसी लेने के एक साल बाद उठा दर्द

मामला 2013 का है। शख्स ने ‘जीवन आरोग्य’ पॉलिसी खरीदी थी। इस पॉलिसी में उसे नॉन-ICU में भर्ती होने पर हर दिन 1,000 रुपये और ICU में भर्ती होने पर हर दिन 2,000 रुपये मिलने थे। पॉलिसी खरीदने के एक साल बाद उसे पेट में तेज दर्द हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक महीने बाद उसकी मौत हो गई।

शराब पीने पर नहीं अप्लाई होगी पॉलिसी

LIC ने पॉलिसीधारक की पत्नी के क्लेम को खारिज कर दिया। LIC ने कहा कि मृतक ने अपनी पुरानी शराब की लत के बारे में जानकारी छिपाई थी। LIC ने ‘जीवन आरोग्य’ प्लान के क्लॉज 7(xi) का हवाला दिया। इस क्लॉज के मुताबिक खुद को चोट पहुंचाने या आत्महत्या करने की कोशिश, या किसी भी ड्रग या शराब के इस्तेमाल या दुरुपयोग और उससे होने वाली जटिलताओं को पॉलिसी में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को शराब पीने की वजह से कोई बीमारी होती है, तो उसे पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा।

कंज्यूमर फोरम से आया था ये आदेश

बता दें कि मृतक की पत्नी ने कंज्यूमर फोरम में शिकायत की थी। कंज्यूमर फोरम ने LIC को मेडिकल खर्च का भुगतान करने का आदेश दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन के आदेश से असहमति जताई।

SC ने एलआईसी के फैसले को बताया सही

कोर्ट ने कहा कि मृतक को शराब की लत बहुत पहले से थी, जिसे उसने पॉलिसी लेते समय जान बूझकर छुपाया। कोर्ट ने आगे कहा, तथ्यों को छिपाने के कारण, LIC ने क्लेम को खारिज करने का सही फैसला किया। इसका मतलब है कि पॉलिसी लेते समय सही जानकारी देना बहुत जरूरी है। अगर आप कोई जानकारी छिपाते हैं, तो बीमा कंपनी आपके क्लेम को रद्द कर सकती है।

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