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अगर किसी को लगता है पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस गांधी परिवार की वजह से हारी तो मैं, प्रियंका, राहुल कुर्बानी देने को तैयार, CWC में बोली सोनिया गांधी

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ये फैसला किया गया कि अध्यक्ष पद के चुनाव होने तक सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं रहेंगी

द न्यूज 15 
नई दिल्ली । कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि गांधी परिवार इस स्थिति (पार्टी की वर्तमान स्तिथि) के लिए जिम्मेदार है और उन्हें अलग हो जाना चाहिए, तो वह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं और पीछे हट जायेंगे। हालांकि सोनिया गांधी के इस प्रस्ताव को CWC के सदस्यों ने तुरंत ठुकरा दिया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए, उनसे अध्यक्ष बने रहने के लिए आग्रह किया। पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी से आग्रह किया वो आगे बढ़कर नेतृत्व करें और संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करने और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठन में आवश्यक और व्यापक फेरबदल करें।
राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि कांग्रेस पार्टी की लड़ाई बीजेपी से है, जिसके पास आधुनिक चुनाव मशीनरी है और कांग्रेस को बीजेपी की मशीनरी से सामना करने के लिए खुद को बदलना चाहिए। पार्टी ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया था जिसमें ये कहा गया था कि गांधी परिवार CWC की बैठक में नेतृत्व की भूमिका से इस्तीफा दे सकता है। हालांकि रविवार को बैठक के दौरान गांधी परिवार ने इस्तीफे की पेशकश की।
CWC बैठक में गुलाम नबी आजाद ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह को हटाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुत देर से आया और ये कम से कम एक साल पहले ही हो जाना चाहिए था। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने भी इस बात से सहमति जताई और माना कि निर्णय में देरी हुई और उन्होंने इसे अपनी गलती के रूप में स्वीकार किया। पांच राज्यों में करारी हार की समीक्षा के लिए रविवार (13 मार्च 2022) को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गयी थी। बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला किया गया कि सोनिया गांधी तब तक कांग्रेस अध्यक्ष बनीं रहेंगी, जब तक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होते। इसी वर्ष अगस्त – सितम्बर में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रस्तावित है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 8 अप्रैल को संसद सत्र समाप्त होने के बाद एक ‘चिंतन शिविर’ सत्र आयोजित किया जाएगा।