आचार्य नरेन्द्र देव की वैचारिक विरासत पुनः प्रासंगिक : प्रोफेसर आनंद कुमार

आचार्य नरेन्द्र देव की पुण्य तिथि पर प्रोफेसर आनंद कुमार द्वारा प्रबोधन

भारत में समाजवाद के जनक व पुरोधा आचार्य नरेन्द्र देव की 69वीं पुण्य तिथि के अवसर पर नेशनल पी.जी. कालेज, लखनऊ में आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान, लखनऊ के तत्वावधान में प्रख्यात समाजवादी चिंतक एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवा निवृत प्रोफेसर आनंद कुमार का ’हमारा राष्ट्र निर्माण अभियान स्वतंत्रता आंदोलन से संसदीय लोकतंत्र तक की उपलब्धियां एवं मौजूदा चुनौतियां’ विषय पर उद्बोधन हुआ।
प्रोफेसर आनंद कुमार ने बताया कि आचार्य नरेन्द्र देव का माक्र्सवादी विचार से प्ररित होते हुए भी भारतीय संस्कृति में दृढ़ विश्वास था। आचार्य जी मानते थे कि विभिन्न धर्मों के योग से बनी भारतीय संस्कृति में वे तत्व मौजूद हैं जिनसे विभिन्न जीवन प्रणालियों में एकता एवं जीवन के हर क्षेत्र में समन्वय स्थापित किया जाता रहा है। धर्म के आधार पर देश के बंटवारे को उन्होंने गलत माना। उनका मानना था कि भारत में हिन्दू व मुसलमान में नस्ल, संस्कृति व भाषा के आधार पर एकता है और बंटवारे के बजाए बहुसंख्यक समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय को यह विश्वास दिलाना चाहिए था कि देश में उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे। वंचित समुदाय के साथ न्याय होना चाहिए एवं उनके साथ उदारता का व्यवहार होना चाहिए। आचार्य जी ने लिखा है कि हिन्दू राज्य के क्रियान्वयन से लोकतंत्र मुरझा जाएगा और हमारी सामाजिक व्यवस्था के वर्तमान दोष स्थायी बन जाएंगे।
आचार्य नरेन्द्र देव के लिए राष्ट्रीयता, लोकतंत्र व समाजवाद तीनों ही महत्वपूर्ण थे। एक तरफ वे महात्मा बुद्ध की आत्मचेतना वा सार्वभौमिकता से प्रभावित थे तो दूसरी तरफ माक्र्स की वर्ग चेतना व क्रांतिकारिता से। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए गांधी के सत्याग्रह का रास्ता उन्हें सबसे अनुकूल लगा। इन विचारों के प्रेरित उनका सपना था स्वतंत्रता, समता व मानवता के आधार पर नव-निर्माण के माध्यम से एक सबल संस्कृति की स्थापना जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया।
आचार्य नरेन्द्र देव का मानना था कि जीवन में शुभ-अशुभ का संघर्ष चलता रहता है। मानव के आत्म विकास में यह संघर्ष सहायक होता है एवं इस प्रक्रिया में नवीन मानवीय मूल्यों की सृष्टि होती है। उन्हें इस बाद का खेद था कि विपुल साधन होते हुए भी दरिद्रता, विषमता, अन्याय व जुल्म का अंत नहीं होता। पूंजीवादी ताकतें इन साधनों का इस्तेमाल अपने लाभ और प्रभुत्व बनाए रखने के लिए करती हैं।
आचार्य नरेन्द्र देव का सपना था कि समाजवाद के उच्च आदर्शों के आधार पर समाज का ऐसा पुनर्गठन हो कि परस्पर सहयोग से स्त्री-पुरुष के समूह सक्रिय हों जिसमें एक सदस्य की उन्नति का अर्थ दूसरे सदस्य की भी उन्नति हो। सभी मिलकर परस्पर उन्नति से समता एवं बंधुत्व से परिपूर्ण जीवन शैली कायम करें। इससे परस्पर विरोधों हितों की वजह से उत्पन्न शोषण व उत्पीड़न का अंत हो जाएगा। उत्पादन, विनिमय व वितरण पर पूंजीपतियों के वर्चस्व से पैदा हुई असमानता व विसंगति खत्म हो जाएगी। आर्थिक प्रक्रियाओं पर समाज के नियंत्रण से उसका शासक वर्ग द्वारा शेष समाज के दमन के लिए इस्तेमाल भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे समाज में प्रत्येक मनुष्य को आत्मविकास का पूरा मौका मिलेगा और समाज से शोषण व युद्ध का अंत होगा। समाज न्याय आधारित होगा व मानवीयता से ओत-प्रोत होगा।
प्रोफेसर आनंद कुमार का कहना था कि वर्तमान समय की चुनौतियों में आचार्य नरेन्द्र देव की वैचारिक विरासत पुनः प्रासंगिक हो गई है। यही हमें इन चुनौतियों का मजबूती से सामना करने का ठोस आधार प्रदान करती है।

  • Related Posts

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    चरण सिंह  वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद देशभर में विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। चाहे बिहार हो, महाराष्ट्र हो, प. बंगाल हो या फिर दिल्ली…

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल खतरों से अनजान थीं। हमें…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 9 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस