कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनको याद करते हुए पीएम मोदी एक एक बड़ा सन्देश लिखते हुए बोला कि हमारी सरकार कर्पूरी जी की सिद्धांतो पर चलते हुए ओबीसी वर्ग के लिए तत्पर हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाज की लड़ाई लड़ने वाले राजनीति के पुरोधा रहे कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का फैसला लिया है। मंगलवार की शाम को यह घोषणा हुई थी आज उनके जयंती पर पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए बोले की में खुद पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति हूँ उनके योगदान को समाज सकता हूँ। कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक न्याय से काफी लोगो के जीवन में सुधार आया। उन्होंने लिखा कि मुझे कभी कर्पूरी ठौर से मिलने का अवसर नहीं मिला पर उनके बारे में कैलाशपति मिश्रा जी से काफी कुछ सुनने को मिला।
उन्होंने उनके साथ काम भी किया था।
पीएम मोदी ने अपने लेख में कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जीवन काफी परेशानी आई उसके बावजूद उन्होने अपने जीवन में काफी कुछ हासिल किया उनका जीवन बेहद सरल और सादगी पर निर्भर था वह अपनी ज़िंदगी के अंतिम क्षण में भी वह सादगी से अपना जीवन जीते रहे। वह जमीन से जुड़े व्यक्ति थे
मुख्यमंत्री का पद होने के बावजूद वह लोगो के संपर्क में रहते थे। इसी के साथ पीएम मोदी ने यह भी बताया कि जब कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख़्यमंत्री के पद पर थे तब उन्होंने वहा के नेताओं के लिए आवास बनाने का फैसला लिया था जबकि उन्होंने अपने लिए कभी कोई निजी खर्चा नहीं किया।
साल 1988 में जब वह गुजरे तो उनके यहाँ अंतिम विदाई में लोगो की आंखें नम हो गयी थी जब उन्होंने देखा कि इतने बड़े कद के नेता इस प्रकार रहते है
पीएम ने अपने लेख में उनके फटे कुर्ते के किस्से का जिक्र भी किया वह लिखते है साल 1977 में जब वह बिहार के सीएम बने थे उस दौर में केंद्र और बिहार दोनों जगह जनता दल की सरकार थी उस समय पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारयण के सभी नेता पटना पार्टी में जुड़े थे उस मेहफिल में कर्पूरी ठाकुर भी मौजूद थे उनका फटा कुर्ता जब चंद्रशेकर ने देखा तो उन्होंने अपने हि अंदाज में लोगो से अपील की थी कि सभी लोग डोनेट करे ताकि वह अच्छा सा कुर्ता ख़रीद ले कर्पूरी जी ने चंदा तो स्वीकार कर लिया पर आदत के अनुसार पूरा पैसा सरकारी कोष में जमा कर दिया।
कर्पूरी ठाकुर का स्मरण करते हुए पीएम मोदी ने ओबीसी वर्ग के लिए अपनी सरकार के काम काज भी गिनवा दिए उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन पर चलते हुए 25 करोड़ लोगो गरीबी रेखा से ऊपर लाए है इसके आलावा मुद्रा और विश्कर्मा योजना के तहत भी ओबीसी वर्ग के लिए तत्पर हैं यहीं नहीं ओबीसी कमीशन का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा ओबीसी वर्ग के लिए जब हमने काम करा तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया था अंत में उन्होंने ज़िक्र करते हुए बोला कि बड़े दुःख कि बात है कि महज 64 साल कि उम्र में तब छोड़ गए जब हमे उनकी सबसे ज़्यदा उनकी ज़रूरत थी।