द न्यूज 15
मान का कहना है कि उन्होंने भगत सिंह का लिखा हर शब्द पढ़ा है। उनकी वजह से ही वो राजनीति में आए। मान कहते हैं कि भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू ने जब सूबे के पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ मिलकर पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब बनाई तो वो इससे जुड़े। हालांकि ये पार्टी ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकी। मान का कहना है कि 1929 में जैसे भगत सिंह ने असेंबली में बम फोड़े थे वैसे ही अंदाज में उन्होंने ऐलान किया था कि वो संसद में शब्दों के बम फोड़ेंगे।
अब वो सीएम बने तो भगत सिंह का फोटो हर सरकारी कार्यालय में लगाने का फैसला लिया है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ शहीद भगत सिंह का भी चित्र अब पंजाब के सरकारी दफ्तरों में दिखेगा। मान की सोच है कि वो सारे पंजाब को बसंती रंग में रंग डालें। अपने शपथ ग्रहण को यादगार बनाने के लिए उन्होंने सभी से गुजारिश की है कि वो 16 मार्च को होने वाले समारोह में बसंती रंग की पगड़ी और दुपट्टा पहनकर आएं। उनका आह्वान है कि लोग उनकी सरकार से जुड़ें जिससे भगत सिंह के सपनों को सच बनाया जा सके।
ध्यान रहे कि चुनाव 2022 में आप ने जब प्रचार किया तो भगत सिंह को याद दिला लोगों का समर्थन मांगा था। उनका कहना था कि केजरीवाल को सत्ता देकर वो इंकलाब को सच करें। पंजाब को आगे ले जाने के लिए भगत सिंह की सोच को कामयाब बनाना बेहद जरूरी है। ये चीज हर जग दिखी थी।
वैसे भी केजरीवाल की पार्टी तब से भगत सिंह के नाम की माला जप रही है जब अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद उसका जन्म हुआ था। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में भगत सिंह आर्काइव एंड रिसोर्स सेंटर की भी शुरुआत की थी। प्रो. आशुतोष सिंह कहते हैं कि भगत सिंह के जरिए आप क्षेत्रीय भावना को कैश करने का काम कर रही है। उनसे बेहतर हीरे और कौन होगा। पंजाब में तो हर शख्स की जुबां पर उनका नाम है।