हाजीपुर। हाजीपुर में हिंदी कार्यशाला का आयोजन हुआ । कार्यशाला को संबोधित करते हुए आमंत्रित मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. शिवचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हिंदी संघर्ष की भाषा है और उसका स्वरूप बदलता रहा है । हिंदी में कार्य करने के लिए परंपरागत माध्यमों के साथ नए माध्यमों को अंगीकार करना होगा । भारतीय रेल पूरे देश को जोड़ती है और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए स्वंय सबसे बड़ा माध्यम है । हमें अपनी भाषा पर गर्व करना होगा । तकनीक का सदुपयोग हमें आगे बढ़ा सकता है, इसमें कोई संदेह नहीं है । उन्होंने कहा कि निरंतर अभ्यास और इच्छाशक्ति के साथ हम किसी भाषा को सीख सखते हैं ।
इस अवसर पर श्री अभिषेक कुमार, उप महाप्रबंधक (सामान्य) ने अपने वक्तव्य में हिंदी भाषा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तकनीक के इस दौर में हमें भाषा के विकास के लिए तकनीकी कौशल प्राप्त करना जरूरी है । उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (योजना), श्री मनीष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी के प्रयोग-प्रसार को बढ़ावा देने में हिंदी कार्यशाला का महत्वपूर्ण स्थान है । उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा हिंदी है, परंतु साथ में यह भी सत्य है कि इससे हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है कि हम अपनी मातृभाषा के प्रयोग-प्रसार में क्या सार्थक योगदान करते हैं. उन्होंने ई-ऑफिस का उल्लेख करते हुए कहा कि आजकल शत-प्रतिशत कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से संपन्न हो रहे हैं और इस माध्यम से हिंदी में कार्य करना बहुत आसान है । राजभाषा अधिकारी श्री अनिल कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में हिंदी के वैश्विक परिदृश्य विषय पर बोलते हुए कहा कि हिंदी भाषा के विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता देनी होगी । इस अवसर पर श्री चंदन नवीन, इंजीनियरी विभाग ने भी अपने विचार व्यक्त किए । धन्यवाद ज्ञापन श्री सुरेश महतो, कनिष्ठ अनुवादक द्वारा किया गया ।