हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब किया है तलब
द न्यूज़ 15
जबलपुर। दमोह के 22 सहारा फील्ड वर्कर् ने अपने रुपए वापस पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट ने आज बुधवार को सहारा से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सुब्रत राय को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है।
गौरतलब है कि सहारा पैराबैंकिंग कंपनी ने हजारों लोगों का जमा करोड़ों रुपये वापस नहीं किये जिसके बाद सहारा कंपनी के मालिक सहित उनके कर्मचारियों के खिलाफ पूरे देश में लगातार एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। सहारा कंपनी ने लोगों से पैसा ये कहकर जमा कराया था कि उसे ब्याज के साथ वापस किया जाएगा, 2017 तक सब कुछ ठीक चला इसके बाद सहारा कंपनी ने लोगों का जमा रूपया वापस देना बंद कर दिया। परेशान लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से की पर इसका हल नहीं निकला। दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक से ही सहारा कंपनी ने करीब 13 करोड़ रुपए वसूल किए। रुपये जमा करने की अवधि पूरी होने के बाद जब सहारा कंपनी ने वापस नहीं किए तो जमाकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन उनकी कोई मदद नहीं हुई।
अब दमोह के सहारा के फिल्ड वर्कर इस मामले को हाई कोर्ट लेकर पहुँचे हैं। जहां सुब्रत राय सहारा और उनकी पैराबैंकिंग कंपनी के खिलाफ न्यायाधीश विशाल धाकड़ की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सहारा प्रमुख सुब्रतो राय सहारा सहित उनके जोनल ऑफिस को नोटिस दिया है। हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब तलब भी किया है। फील्ड वर्कर्स की तरफ से हाई कोर्ट में अंकित मिश्रा, आशुतोष चुतर्वेदी, आशीष त्रिपाठी ने पैरवी की।
गौरतलब है कि सहारा पैराबैंकिंग कंपनी ने हजारों लोगों का जमा करोड़ों रुपये वापस नहीं किये जिसके बाद सहारा कंपनी के मालिक सहित उनके कर्मचारियों के खिलाफ पूरे देश में लगातार एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। सहारा कंपनी ने लोगों से पैसा ये कहकर जमा कराया था कि उसे ब्याज के साथ वापस किया जाएगा, 2017 तक सब कुछ ठीक चला इसके बाद सहारा कंपनी ने लोगों का जमा रूपया वापस देना बंद कर दिया। परेशान लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से की पर इसका हल नहीं निकला। दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक से ही सहारा कंपनी ने करीब 13 करोड़ रुपए वसूल किए। रुपये जमा करने की अवधि पूरी होने के बाद जब सहारा कंपनी ने वापस नहीं किए तो जमाकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन उनकी कोई मदद नहीं हुई।
अब दमोह के सहारा के फिल्ड वर्कर इस मामले को हाई कोर्ट लेकर पहुँचे हैं। जहां सुब्रत राय सहारा और उनकी पैराबैंकिंग कंपनी के खिलाफ न्यायाधीश विशाल धाकड़ की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सहारा प्रमुख सुब्रतो राय सहारा सहित उनके जोनल ऑफिस को नोटिस दिया है। हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब तलब भी किया है। फील्ड वर्कर्स की तरफ से हाई कोर्ट में अंकित मिश्रा, आशुतोष चुतर्वेदी, आशीष त्रिपाठी ने पैरवी की।