74वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ

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करनाल (विसु)। आज दयाल सिंह कॉलेज, करनाल में दो दिवसीय 74वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ कॉलेज के पूर्व छात्र एवं करनाल के विधायक जगमोहन आनंद के कर कमलों से हुआ। अपनी दैनिक व्यस्तताओं के बीच से मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जगमोहन आनंद का कॉलेज की प्राचार्या डॉ. आशिमा गक्खड़ और खेलकूद समिति के सदस्यों ने पुष्पमाला पहनाकर और स्मृति चिह्न भेंट कर भव्य स्वागत किया। मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण के बाद एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस स्वयंसेवकों ने मार्च पास्ट किया, जिसका नेतृत्व बीसीए अंतिम वर्ष के एनसीसी आर्मी विंग के सीनियर अंडर ऑफिसर प्रिंस ने किया। बीए छठे सेमेस्टर के होनहार छात्र निखिल के नेतृत्व में खिलाड़ियों ने खेल भावना को बनाए रखने और ईमानदारी से प्रतिस्पर्धा करने की शपथ भी ली।
प्राचार्या डॉ. आशिमा गक्खड़ ने अपने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि खेल किसी भी शिक्षण संस्थान का अभिन्न अंग होते हैं। उन्होंने खेलों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये हमारे समग्र विकास और स्वस्थ जीवनशैली को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। साथ ही, ये हमें अनुशासन और सामूहिक भावना से परिपूर्ण भी करते हैं। शिक्षा और खेल का मेल बड़ी सफलता प्रदान करता क्योंकि खेल भाईचारे की भावना को पैदा करते हुए युवाओं को राष्ट्र निर्माण के कार्य के लिए प्रेरित भी करते हैं। डॉ. गक्खड़ ने खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए खेल समिति को बधाई देते हुए कहा कि आपने छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करने और तैयार करने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। उन्होंने छात्रों को भविष्य में सफलता की नवीन ऊंचाइयों को छूने के लिए उत्साहित करते हुए प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
मुख्य अतिथि श्री जगमोहन आनंद ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि उन्हें उनके कॉलेज में आकर और अपने छात्र जीवन को याद करके बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने दयाल सिंह कॉलेज, करनाल की शानदार विरासत पर प्रकाश डाला और कहा कि खेल हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ना सिखाते हैं। शिक्षा आज एक बड़ी आवश्यकता बन गई है, लेकिन खेलों के बिना यह अधूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य के बौद्धिक विकास को बेहतर बनाती है, लेकिन शारीरिक और मानसिक विकास खेलों से ही संभव है। खेल हमें प्रबंधन, प्रेरणा और आत्मविश्वास के गुर सिखाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेल हार-जीत से परे है। जीवन भी एक खेल है, इसे खेलना जरूरी है। इसके बाद उन्होंने खेल प्रतियोगिता के शुभारंभ और खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (छात्र एवं छात्राओं) को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
विद्यार्थियों ने योगासनों का सुंदर प्रदर्शन कर भारतीय विरासत के महत्व को याद दिलाया। खेल विभाग के अध्यक्ष डॉ. जय कुमार की देखरेख में विभिन्न खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। प्रथम दिवस की प्रतियोगिताओं में कई रोमांचक खेलों का आयोजन हुआ – 400 मीटर दौड़ (लड़के), 200 मीटर दौड़ (लड़कियाँ) भाला फेंक, गोला फेंक, लंबी कूद, ऊंची कूद आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।

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