नई दिल्ली| केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गोरखपुर को ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ के रूप में विकसित किया जाएगा। गोरखपुर शहर को पूर्वी यूपी का एजुकेशन हब बनाने के लिए अध्ययन जारी है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ बनाने के साथ ही गोरखपुर की आध्यात्मिक चेतना और ज्ञान की परंपरा को आने वाले दिनों में और आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस विषय पर कहा कि आध्यात्मिक चेतना और ज्ञान की परंपरा जो गोरखपुर में है, उसको आगे बढ़ाते हुए आने वाले समय में गोरखपुर की पुण्यभूमि को स्पेशल एजुकेशन जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमारे युवाओं को ज्ञानी और गुणी बनाने के साथ उन्हें वैश्विक नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। नई शिक्षा नीति भारत को विश्व के अग्रणी देशों में स्थापित करेगी।
शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री गोरखपुर में मौजूद रहे इस दौरान उन्होंने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के संस्थापक-सप्ताह महोत्सव में शामिल हुए।
इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चाहे एम्स गोरखपुर हो या फिर दशकों के इंतजार के बाद पुन शुरू हुआ गोरखपुर उर्वरक कारखाना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वादे सिर्फ भाषण में नहीं रहते, ब्लकि तय समय में जमीन पर हकीकत भी बनते हैं।
गौरतलब है कि धर्मेंद्र प्रधान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी भी हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अपनी मौजूदगी के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान शिव और बुद्ध की भूमि, गोरखपुर में, युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ जी ने शताब्दी पूर्व, आध्यात्मिक चेतना से आगे बढ़ कर इस क्षेत्र में समाज के विकास और उन्नती की जिम्मेदारी ली थी, जिसे बाद में महंत अवैद्यनाथ जी और आज योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ा रहे हैं।