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Goa Election Results: एग्जिट पोल नतीजों के बाद TMC एक्टिव, ममता के भतीजे के साथ गोवा पहुंचे प्रशांत किशोर

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गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं। इससे पहले टीएमसी ने एक अहम बैठक कर रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है

द न्यूज 15 
नई दिल्ली । गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे 10 फरवरी को आने हैं। एग्जिट पोल्स के अनुसार कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। ऐसे में छोटे दल किंगमेकर सकते हैं। यही कारण है कि यहां तृणमूल कांग्रेस (TMC)एक्टिव दिखाई दे रही है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन के साथ यहां पहु्ंच गए हैं। राज्य में टीएमसी का महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के साथ गठबंधन है।

एग्जिट पोल में इस गठबंधन को कुछ सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। ऐसे में ये तीनों नेता तटीय राज्य की घटनाओं पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। जरूरत पड़ने पर वे कांग्रेस के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा विधायकों की खरीद फरोख्त भी एक मुद्दा है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने गोवा के चुनावी मैदान में साल 2022 के विधानसभा चुनावों से बमुश्किल तीन से चार महीने पहले कदम रखा था। उन्होंने एमजीपी के साथ गठबंधन किया और मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनावी वादों की झड़ी लगा दी थी।

छोटे दल सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं- बता दें कि गोवा में 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान हुआ था। कुछ 79.61 फीसदी वोटिंग हुई। सात फरवरी को उत्तर प्रदेश में सातवें चरण के मतदान के बाद तमाम न्यूज चैनल्स और सर्वे एजेंसियों की ओर से जारी एग्जिट पोल्स के अनुसार कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर का अनुमान है। हालांकि, दोनों में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने का अनुमान है, ऐसे में छोटे दल सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।  साल 2017 में कांग्रेस को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें, नहीं बना पाई थी सरकार- साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला। उसे 17 सीटें मिली थीं। पार्टी राज्यपाल के बुलावे का इंतजार करती रह गई और भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। बीजेपी को तब 13 सीटें मिली थीं और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। कांग्रेस एक बार फिर ऐसी गलती नहीं दोहराना चाहेगी। पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि वह भाजपा को छोड़कर किसी के साथ भी सरकार बनाने को तैयार है।