द न्यूज़ 15
मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जिसमे आलिया भट्ट मुख्य किरदार में हैं। उनके साथ अजय देवगन कैमियो रोल कर रहे हैं। इस फिल्म का काफी समय से इंतजार हो रहा है। लेकिन रिलीज से पहले यह फिल्म विवादों में घिर गई है। गंगूबाई के परिवारवालों ने फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अब इस पर कोर्ट की ओर रुख किया है। उनके वकील का कहना है कि ट्रेलर देख परिवार हैरान है। एक ऐसी महिला जिसने समाज के लिए इतना काम किया उसे सेक्स वर्कर की तरह दिखाया गया है।
गंगूबाई के गोद लिए हुए बेटे बाबू रावजी शाह ने फिल्म को लेकर साल 2021 में एक याचिका भी दायर की थी। मुंबई की एक अदालत ने संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट को इस मामले में तलब किया था। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक से इनकार कर दिया और निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर भी अंतरिम रोक लगा दी। आज तक डॉट इन से बात करते हुए बाबू रावजी शाह ने कहा, ‘मेरी मां को वेश्या बना दिया गया है। अब लोग बिना वजह मेरी मां के बारे में बातें कर रहे हैं।‘
गंगूबाई परिवार के वकील नरेंद्र ने कहा, ‘गंगूबाई को जिस तरह दिखाया गया है वह गलत और आधारहीन है। यह अश्लील है। आपने एक सामाजिक कार्यकर्ता को वेश्या की तरह प्रस्तुत किया है। किस परवार को यह अच्छा लगेगा? आपने उन्हें एक वैम्प और लेडी डॉन बना दिया।‘
वकील ने आगे बताया कि ‘परिवार वालों को जब पता चला कि गंगूबाई के जीवन पर फिल्म बन रही है तब से वे छिपते फिर रहे हैं। वे घर शिफ्ट कर रहे हैं। अंधेरी या बोरीवली जा रहे हैं। फिल्म में गंगूबाई को जिस तरह से दिखाया गया है उसके बाद कई रिश्तेदार सवाल पूछ रहे हैं कि क्या गंगूबाई वाकई एक प्रॉस्टिट्यूट थीं और वह सोशल वर्कर नहीं थीं।‘
उन्होंने कहा, ‘हमने संजय लीला भंसाली और हुसैन जैदी (माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के लेखक) को नोटिस भेजा है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।‘
गंगूबाई की नातिन भारती ने बताया कि मेकर्स पैसे के लिए उनके परिवार को बदनाम कर रहे हैं यह स्वीकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म के लिए परिवार की सहमति नहीं ली गई। यही नहीं किताब लिखने के लिए भी उनसे परमिशन नहीं ली।