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पूर्व सांसद बाहुबली रामा सिंह का तेजस्वी से मोहभंग

दीपक कुमार तिवारी 

वैशाली/शिवहर। लोकसभा चुनाव के बीच राजद को बड़ा झटका लगा है। तेजस्वी यादव को बड़ा झटका देते हुए पूर्व सांसद रामा सिंह ने राजद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने अपना इस्तीफा लालू यादव को भेज दिया है। रामा सिंह इस बार के लोकसभा चुनाव में वैशाली या शिवहर से चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके लिए राजद सुप्रीमो लालू यादव की ओर से उन्हें आश्वासन मिलने की बात कही गयी।

हालाँकि टिकट बंटवारे में रामा सिंह को राजद ने कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाया। इसके बाद से ही उनके नाराज होने की खबर थी। इस बीच अब रामा सिंह के राजद छोड़ने की खबर है। रामा सिंह ने वर्ष 2014 में वैशाली से लोकसभा का चुनाव जीता था। उनकी पत्नी मौजूदा समय में महनार से विधायक हैं। रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह ने वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर महनार से चुनाव जीती थी।

राजपूत जाति से आने वाले रामा सिंह की नाराजगी की खबरों के बिच उनके राजद छोड़ने की खबर को तेजस्वी यादव की पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बाहुबली छवि के रामा सिंह ने अपने सियासी सफर की शुरुआत रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा से की थी। महनार विधानसभा क्षेत्र में इनका अच्छा दबदबा माना जाता है।

रामा सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने एक बार फिर से लोजपा (रा) में जाने का मन बनाया है।चिराग पासवान से उनकी इसे लेकर बात भी हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि वे एक से दो दिनों में चिराग की पार्टी में शामिल हो जायेंगे दरअसल, महनार विधानसभा सीट भी हाजीपुर संसदीय सीट के अंतर्गत है।

चिराग पासवान इस बार हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में रामा सिंह अगर फिर से चिराग के साथ आते हैं तो यह हाजीपुर में चिराग के लिए स्थिति मजबूत करने वाली होगी। साथ ही राजद को यह बड़ा झटका होगा।ऐसे में हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह वाले लोजपा (रा) में रामा सिंह दिख सकते हैं।
रामा सिंह के राजद छोड़ने से कई सीटों पर राजद को झटका लग सकता है।

रामा सिंह के राजपूत जाति से आने से उनका इस जाति के एक बड़े वोट बैंक पर प्रभाव माना जाता है। वैशाली में वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ मिली जीत के पीछे भी रामा सिंह के पक्ष में राजपूतों का समर्थन माना गया। ऐसे में रामा सिंह के राजद छोड़ने से वैशाली में राजद उम्मीदवार मुन्ना शुक्ला को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं शिवहर में भी रामा सिंह का असर दिख सकता है।

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