तालाब से मछली मारने पर पूर्व मुखिया ने पीटकर ले ली जान

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 पुलिस पर हत्या को अलग मोड़ देने का आरोप

 नालंदा। बिहार के पवपुरी में एक पूर्व मुखिया के बेटे पर तालाब से मछली चुराने के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगा है। घटना बकरा गांव की है, जहां 38 वर्षीय अर्जुन केवट की मौत हो गई। मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि पूर्व मुखिया शिवनंदन प्रसाद ने अर्जुन को तालाब से मछली मारने के लिए बुलाया था। लेकिन जब अर्जुन तालाब में मछली पकड़ रहा था, तभी शिवनंदन का बेटा मनोज वहाँ पहुँचा और अर्जुन को गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया।
परिवार वालों के मुताबिक, पिटाई से अर्जुन बेहोश हो गया तो मनोज ने उसे तालाब से बाहर निकालकर किनारे पर रख दिया और परिवार वालों को सूचना दी कि अर्जुन तालाब में डूब गया है। जब परिवार वाले घटनास्थल पर पहुँचे तो उन्होंने देखा कि अर्जुन के शरीर पर चोटों के निशान हैं। परिवार वालों ने तुरंत अर्जुन को एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद से ही आरोपी पिता-पुत्र फरार हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि क्लीनिक संचालक ने शव देने के लिए 50 हज़ार रुपये की मांग की। परिवार वालों ने किसी तरह पैसे का इंतजाम करके शव लिया। इसके बाद जब पीड़ित परिवार थाने में हत्या का मामला दर्ज कराने पहुंचा तो थानाध्यक्ष ने उन्हें डूबने से मौत का मामला दर्ज कराने की सलाह दी, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके। थानाध्यक्ष ने कहा, ‘हत्या का केस तो नहीं मिलेगा मुआवजा। तालाब में डूबने की बात बता दोगे तो मुआवजा मिल जाएगा।’
हालांकि, थानाध्यक्ष नारदमुनि सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि मछली पकड़ते समय अर्जुन के पैर फिसल गए होंगे, जिससे उसे चोट आई होगी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
थानाध्यक्ष ने कहा, ‘पीड़ित परिवार की ओर से लगाया जा रहा आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। मछली मारने के दौरान पैर फिसलने से चोट लगी है और इलाज के दौरान में मौत हुई है । शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के हवाले कर दिया गया है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का स्पष्ट पता चल सकेगा । अभी परिवार वालों ने आवेदन नहीं दिया है।’

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