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काजी नजरूल इस्लाम के 125 वें जन्मदिन के अवसर पर काबी तीर्थ चुरुलिया में पांच दिवसीय नजरूल मेला अयोजित

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आसनसोल- काजी नजरूल इस्लाम के 125 वें जन्मदिन के अवसर पर काबी तीर्थ चुरुलिया में पांच दिवसीय नजरूल मेला शुरू हुआ। महोत्सव की शुरुआत शनिवार सुबह प्रभात फेरी से हुई। उसके बाद कवियों ने खनन उद्योग के काव्य जगत के प्रतिभाशाली ज्योतिषियों द्वारा लिखित कविताओं का पाठ किया। कवि सम्मेलन का उद्घाटन भातुसूत्र के कवि रेजाउल करीम ने किया।सबसे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति देबाशीष बंद्योपाध्याय ने नजरूल और प्रमिला की कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। आज शाम 40वें नजरूल मेले का उद्घाटन किया गया. इस बार मेले में 70 से 80 स्टॉल हैंबैठा है प्रतिदिन देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहेंगे। पहले दिन की सुबह कवि सम्मेलन में शीतल गंगोपाध्याय,जाहर मिश्रा, राजीव घाटी,तारकनाथ मंडल, कृष्णेंदु घटक, अरुणाभ सेनगुप्ता,नीलोत्पल रॉयचौधरी, काजी अख्तर हुसैन,मिताली पाल,अवा मल्लिक और औद्योगिक क्षेत्र के पचास कवि शामिल हुए। वहाँ बांग्लादेश के कुछ कवि भी थे।
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा की काजी नजरूल इस्लाम के जन्म जयंती पर उन्हे श्रद्धांजली अर्पित करने आया हूं , यहां कोई राजनीतिक वक्तव्य नहीं दूंगा । लेकिन इतना जरूर कहूँगा की राज्य सरकार को तो नजरूल इस्लाम के जन्म स्थली को शांती निकेतन के तर्ज पर विकसित करना चाहिए था लेकिन राज्य सरकार विफल रही , इसलिए मैं राज्य सरकार से अनुरोध करूंगा की अगर राज्य सरकार से यह संभव नहीं हो रहा है तो वो इस कवि तीर्थ स्थली को वे केंद्र सरकार के हांथो में सौप दें, जिससे केंद्र सरकार इस कवि तीर्थ को विकसित करेगी। इस कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष बाप्पा चटर्जी, निरंजन सिंह, तापस राय, जय गणेश सिंह समेत सैंकड़ो समर्थक उपस्थित थें।इस बारे में इस मेले के आयोजन कर्ताओं में से एक व्यक्ति ने बताया
हर साल की तरह इस साल भी काजी नज़रुल इस्लाम के जयंती के अवसर पर चुरुलिया के प्रमिला मंच पर नजरुल मेले का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत आज सवेरे प्रभात फेरी से हुई जिसने पूरे चुरुलिया क्षेत्र का दौरा किया इस मेले में इस बार तकरीबन 80 स्टाल लगाए गए हैं इस मेले में सिर्फ आसनसोल ही नहीं बल्कि इस जिले के अलावा अन्य जिलों से भी यहां तक की बांग्लादेश से भी कलाकार आ रहे हैं और अपनी कला पेश कर रहे हैं यहां पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के जरिए नजरुल इस्लाम को याद किया जाएगा। आज सुबह से इस मेले की शुरुआत हुई आज सुबह कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। शाम को भी मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें पश्चिम बर्दवान जिले के जिला शासक उपस्थित रहेंगे इनके अलावा रामकृष्ण मिशन आश्रम के कार्याध्यक्ष रेलवे के डीआरएम भी आएंगे उन्होंने कहा कि जिला शासक आज शाम को राज्य सरकार द्वारा यहां पर काजी नज़रुल इस्लाम की याद में एक म्यूजियम बनाने और काजी नज़रुल इस्लाम के घर के संरक्षण के बारे में भी कुछ हम करेंगे वहीं बाराबनी रेलवे स्टेशन पर काजी नज़रुल इस्लाम को लेकर भी केंद्र सरकार की कुछ परियोजना है जिसके घोषणा डीआरएम द्वारा किए जाने की संभावना है।