दीपक कुमार तिवारी
मुंगेर। लोक आस्था के महापर्व छठ का इतिहास धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, और इसे लेकर मुंगेर में कई लोककथाएं प्रचलित हैं। एक प्रमुख मान्यता के अनुसार, रामायण काल में मां सीता ने सबसे पहले मुंगेर में छठ व्रत किया था। माना जाता है कि मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पास ऋषि मुद्गल के आश्रम में मां सीता ने इस व्रत का अनुष्ठान किया था। इस स्थान को अब “सीता चरण मंदिर” के नाम से जाना जाता है, जहां माता के चरण चिन्ह और सूप के निशान एक विशाल पत्थर पर मौजूद हैं।
आनंद रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, भगवान राम के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर उन पर ब्राह्मण हत्या का दोष लगा, जिससे मुक्ति पाने के लिए मुद्गल ऋषि ने उन्हें यज्ञ का निर्देश दिया। इस दौरान मां सीता को सूर्य उपासना का व्रत करने की सलाह दी गई थी। मुंगेर के इस स्थल को अब छठ व्रत की परंपरा का प्राचीन केंद्र माना जाता है, और यहां स्थित मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु छठ पूजा करने आते हैं।