द न्यूज 15
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आवारा मवेशियों का मुद्दा विपक्ष ने जोरशोर से उठाया है। विपक्ष का कहना है कि इस समस्या का सामना पूरे राज्य के किसान कर रहे हैं। इस तरह के नारे भी गढ़े गए हैं जिनमें आवारा मवेशियों को भाजपा की हार का कारण बताया जा रहा है। किसान आवारा मवेशियों के अपने खेतों में घुसने और फसलों को नष्ट करने की शिकायत कर रहे हैं। साथ ही इनसे दुर्घटनाओं, यहां तक कि मौत का कारण बनने के मामले भी सामने आए हैं।
2019 की पशुधन गणना के अनुसार, राज्य में लगभग 1.16 मिलियन आवारा मवेशी थे। पिछले साल नवंबर तक उनमें से लगभग 7,50,000 को सरकारी शेल्टर्स में रखा गया था। साथ ही इस साल फरवरी तक करीब 4,00,000 और आवारा मवेशियों के पुनर्वास की कोशिश हुई।
बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की मांग : यह मुद्दा नया नहीं है, लेकिन यह कुछ इलाकों में मतदान के पैटर्न को कुछ हद तक बदल सकता है। हाथरस में कटालिया के पंचायत प्रमुख विनीत कुमार ने कहा, “जनता को लगता है कि अगर सपा सत्ता में आई तो वे बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की इजाजत देंगे, जो आवारा जानवरों की देखभाल करेंगे।”
अलीगढ़ जिले में भी आवारा गौवंश देहात क्षेत्र में छुट्टा घूम रहे हैं और फसलों को बर्वाद कर रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल सकी है। बीते पांच सालों में गौशालाओं के निर्माण, गौवंश के रख-रखाव को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के दावे किए जाते रहे, लेकिन फिर भी किसानों को आवारा गौवंश से निजात नहीं मिल सकी है। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की सात में से पांच विधानसभा सीटों के लिए आवारा गौवंश बड़ा मुद्दा है।
फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में व्यस्त : प्रतापगढ़ से भी ऐसी खबरें आईं कि आवारा पशु किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में परेशान हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। रानीगंज क्षेत्र के कसेरुआ गांव में झुंड के रूप में घूम रहे आवारा मवेशियों ने किसान के दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है। आवारा पशुओं से खेतों में खड़ी गेहूं आदि फसलों को बचाने के लिए किसान हर तरीका अपनाकर कर हार चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
सीएम योगी बोले- ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और… : इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी में ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और ना ही फसलों को नुकसान होने देंगे। सीएम योगी ने कहा, ”हम गाय को कटने नहीं देंगे और अन्नदाता की फसल को भी कोई नुकसान नहीं होने देंगे। पिछली सरकारों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में किसान तबाह था, युवाओं के पास रोजगार नहीं था, महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं था। साल 2017 के बाद हमारी सरकार ने बिना भेदभाव प्रदेश के लोगों को सुरक्षित माहौल और योजनाओं का लाभ दिया।”
2019 की पशुधन गणना के अनुसार, राज्य में लगभग 1.16 मिलियन आवारा मवेशी थे। पिछले साल नवंबर तक उनमें से लगभग 7,50,000 को सरकारी शेल्टर्स में रखा गया था। साथ ही इस साल फरवरी तक करीब 4,00,000 और आवारा मवेशियों के पुनर्वास की कोशिश हुई।
बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की मांग : यह मुद्दा नया नहीं है, लेकिन यह कुछ इलाकों में मतदान के पैटर्न को कुछ हद तक बदल सकता है। हाथरस में कटालिया के पंचायत प्रमुख विनीत कुमार ने कहा, “जनता को लगता है कि अगर सपा सत्ता में आई तो वे बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की इजाजत देंगे, जो आवारा जानवरों की देखभाल करेंगे।”
अलीगढ़ जिले में भी आवारा गौवंश देहात क्षेत्र में छुट्टा घूम रहे हैं और फसलों को बर्वाद कर रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल सकी है। बीते पांच सालों में गौशालाओं के निर्माण, गौवंश के रख-रखाव को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के दावे किए जाते रहे, लेकिन फिर भी किसानों को आवारा गौवंश से निजात नहीं मिल सकी है। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की सात में से पांच विधानसभा सीटों के लिए आवारा गौवंश बड़ा मुद्दा है।
फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में व्यस्त : प्रतापगढ़ से भी ऐसी खबरें आईं कि आवारा पशु किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में परेशान हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। रानीगंज क्षेत्र के कसेरुआ गांव में झुंड के रूप में घूम रहे आवारा मवेशियों ने किसान के दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है। आवारा पशुओं से खेतों में खड़ी गेहूं आदि फसलों को बचाने के लिए किसान हर तरीका अपनाकर कर हार चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
सीएम योगी बोले- ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और… : इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी में ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और ना ही फसलों को नुकसान होने देंगे। सीएम योगी ने कहा, ”हम गाय को कटने नहीं देंगे और अन्नदाता की फसल को भी कोई नुकसान नहीं होने देंगे। पिछली सरकारों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में किसान तबाह था, युवाओं के पास रोजगार नहीं था, महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं था। साल 2017 के बाद हमारी सरकार ने बिना भेदभाव प्रदेश के लोगों को सुरक्षित माहौल और योजनाओं का लाभ दिया।”