बिहार में किसानों का खेती से हो रहा मोहभंग!

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यही हाल रहा तो रोटी-दाल तक हो जाएगी महंगी

दीपक कुमार तिवारी

पटना। बिहार में पिछले तीन साल में अनाज उत्पादन में सात लाख टन की कमी आई है। खेती का रकबा भी दो लाख हेक्टेयर घट गया है। चावल, गेहूं, दाल और मक्का के उत्पादन में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। हालाँकि, चावल के उत्पादन में वृद्धि हुई है और गेहूं में भी मामूली सुधार दिख रहा है, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में कम है। तिलहन का उत्पादन घटा है, हालांकि उपज बढ़ी है। कुल मिलाकर, वर्ष 2023-24 में खाद्यान्न उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दस लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में गेहूं के उत्पादन में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी दो साल पहले के स्तर से कम है। वर्ष 2021-22 में 68.98 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था, जो अगले वर्ष घटकर 66 लाख मीट्रिक टन रह गया। वर्ष 2023-24 में उत्पादन बढ़कर 67.08 लाख मीट्रिक टन हो गया।
बिहार में दाल का उत्पादन पहले से ही कम होता रहा है और पिछले वर्ष इसमें भारी गिरावट आई है। वर्ष 2021-22 में 3.88 लाख मीट्रिक टन और 2022-23 में 4.14 लाख मीट्रिक टन दाल का उत्पादन हुआ। हालांकि, अगले ही वर्ष उत्पादन में लगभग दो लाख मीट्रिक टन की गिरावट आई और यह घटकर 2.85 लाख मीट्रिक टन रह गया।
मक्का के उत्पादन में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है। वर्ष 2021-22 में 34.71 लाख मीट्रिक टन मक्का का उत्पादन हुआ, जो 2022-23 में बढ़कर 48.29 लाख मीट्रिक टन हो गया, लेकिन अगले वर्ष यह घटकर 33.78 लाख मीट्रिक टन रह गया। पिछले वर्ष की तुलना में मक्का के उत्पादन में लगभग 15 लाख मीट्रिक टन की गिरावट आई है।
चावल उत्पादन में वृद्धि देखी गई है, जबकि खेती का रकबा लगभग समान रहा है। वर्ष 2021-22 में 77.17 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन हुआ, जो 2022-23 में बढ़कर 78.73 लाख मीट्रिक टन हो गया और उसके बाद के वर्ष में 86.75 लाख मीट्रिक टन हो गया। चावल की खेती का क्षेत्रफल वर्ष 2021-22 में 30.91 लाख हेक्टेयर था, जो अगले वर्ष घटकर 29.35 लाख हेक्टेयर हो गया और फिर 2023-24 में 30.34 लाख हेक्टेयर हो गया।

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