Faith : गुजरात के जज ने कहा-गोबर से बने घर पर नहीं होता परमाणु रेडिएशन का असर, गौहत्या बंद हो जाए तो खत्म हो जाएंगी

0
150
Spread the love

गोबर से बने घर पर नहीं होता परमाणु रेडिएशन का असर, गौ हत्या बंद हो जाए तो खत्म हो जाएगी दुनिया की सारी मुश्किलें, गौमूत्र से कई लाइलाज बीमारियों के इलाज में कारगर होने की कही बात
गुजरात की एक अदालत ने मवेशियों की तस्करी के मामल में एक युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। गुजरात के तापी जिले की अदालत ने 22 वर्षीय युवक को महाराष्ट्र से अवैध रूप से मवेशी लाने का दोषी पाया है।
सजा सुनाते हुए मुख्य जिला न्यायाधीश समीर विनोद चंद्र व्यास ने कहा, गाय केवल एक पशु नहीं है, मां है। गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और 33 करोड़ देवताओं का जीवित ग्रह है। जिस दिन गाय के खून की एक भी बूंद पृथ्वी पर नहीं गिरेगी, उस दिन से पृत्वी की सभी समस्याओं का हल हो जाएगा। पृथ्वी का कल्याण हो जाएगा।
दरअसल मोहम्मद अमीन को 27 अगस्त 2020 को अवैध रूप से 16 से अधिक गायों और उसने बछड़ों के साथ गिरफ्तार किया था। सभी मवेशियों को एक ट्रक पर लादा गया था, जिसमें उनके लिए बैठने खाने और पीने की उचित व्यवस्था नहीं थी। उसके बाद से ही अमीन पर आपराधिक मामला चलाया जा रहा था। न्यायाधीश ने उन्हें आजीवन कारावास और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है।

जज ने बतायी गाय की उपेयोगिता

अपने आदेश में न्यायाधीश ने न केवल एक गाय के धार्मिक पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता बताई, बल्कि उसके आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभों पर भी विचार करने की आवश्यकता बताई। जज ने कहा कि गायों की हत्या के लिए अब मशीनी बूचड़खाने आ गये हैं। उनका वध किया जा रहा है। इसलिए उनके जीवन को बड़ा खतरा है।
आदेश में कहा गया है कि मांसाहारी लोग मांस का सेवन करते हंै और इसके लिए गाय के मांस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। गाय के उत्पाद मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। इन उत्पादों का मतलब दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र है।

गोवध से जलवायु परिवर्तन की समस्याएं

बार एवं बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर में पारित आदेश में जज ने कहा कि त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) गायों से अलग नहीं है। धर्म भी गाय से पैदा हुआ है। एक समय आएगा जब लोग गायों की तस्वीरें बनाना भूल जाएंगे। आजादी के ७० साल से अधिक का समय बीत चुका है। आज तक गोहत्या बंद नहीं हुई हंै। उल्टा यह अपने चरम पर पहुंच रही है। आज जो समस्याएं हैंे वे इसलिए हैं कि चिड़चिड़ापन और गर्म स्वभाव बढ़ गया है। इस बढ़ोतरी का एकमात्र कारण गायों का वध है। जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता तापमान मवेशियों पर किये गये अत्याचार के कारण हुआ है।

गोबर से बने घरों पर नहीं होता एटॉमिक रेडिएशन

अपने फैसले में न्यायाधीश ने दावा किया है कि गाय के गोबर से बने घरों पर एटॉमिक रेडिएशन का असर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि गायों का वध और परिवहन के दौरान उन्हें होने वाली पीड़ा दुख का विषय है। विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हंै। गौमूत्र का उपयोग कई असाध्य रोगों का इलाज है। गाय धर्म का प्रतीक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here