देश के भविष्य को अंधकार की ओर धकेलते प्रतिष्ठित व्यक्ति एवं मशहूर टीवी चैनल 

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पैसा कमाने की दौड़ में देश का चौथा स्तंभ मीडिया एवं कुछ प्रतिष्ठित व्यक्ति अपने कर्तव्य को भूलकर मोबाइल पर नए-नए ऐप (सॉफ्टवेयर डाटा) का (विज्ञापन) प्रचार कर आज नौनिहाल छात्र छात्राओं एवं युवा पीढ़ी को जुआ(सट्टा) परोस रहे हैं। वह भूल रहे हैं कि उनके इस कार्य से देश का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।

पवन कुमार 

आज देश के बच्चे बच्चे के हाथ में मोबाइल है यह हमारे लिए गर्व का विषय है हमारा देश तरक्की की ओर अग्रसर है, बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, ऑनलाइन लेनदेन हो रहा है, गूगल द्वारा नई-नई जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं, सफर में मैप नक्शे का सहारा ले सकते हैं, देश विदेश में आसानी से बात की जा सकती है, और भी न जाने कितने सदुपयोग मोबाइल के हैं, लेकिन आज देखकर दुख होता है कि 90% नौनिहाल छात्र एवं युवा पीढ़ी मोबाइल में वीडियो गेम्स खेलते नजर आते हैं वीडियो गेम्स तक तो फिर भी ठीक है,गेम्स के द्वारा जुआ खेला जा रहा है, हमारे लिए शर्म की बात है की इन जुआ (सट्टा) वाले गेम्स का प्रचार हमारे देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति एवं सुप्रसिद्ध टीवी चैनलों द्वारा किया जा रहा है।
आज नौनिहाल छात्र छात्राओं एवं युवा वर्ग इन जुआ खिलाने वाले गेम्स के आदी होते जा रहे हैं जिसके चलते उनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है, अगर बच्चों एवं युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार में है तो निश्चित रूप से देश का भविष्य अंधकार में है। इसे में प्रश्न उठता है कि कहां है सरकारी तंत्र जो देश को जुआ(सट्टा) मुक्त करने की बात करते हैं, कहां हैं हमारे देश के समाज सेवी, कहां है वह संगठन जो लगातार समाज सुधार की बात करते हैं, कहां है विपक्षी नेता जो सत्ता के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं, कहां है देश के वर्तमान प्रधानमंत्री जो देश को विश्व गुरु बनाने की बात करते हैं, कहां खो गया देश का चौथा स्तंभ जो मीडिया के रूप में जाना जाता है। अगर मैं अपने विचार रखूं तो इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार देश का चौथा स्तंभ मीडिया है जो अपने कर्तव्य से भटक गया है। देश के मशहूर टीवी चैनल एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति, अधिकांश यूट्यूब्रो द्वारा इन सट्टा खिलाने वाले ऐप का प्रचार किया जा रहा है।
इस विषय पर हमने कुछ जिम्मेदार नागरिकों के विचार लिए हैं ।
अशोक कुमार गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं अध्यक्ष पत्रकार संघ कीरतपुर का कहना है कि आज के दौर में मोबाइल जरूर की विशेष वस्तु बन गया है। इसका अगर सही उपयोग किया जाए तो यह विकास और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकता है। लेकिन आज के युवा और नौनिहाल मोबाइल का गलत प्रयोग कर कर रहा है,मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेल कर अपने भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं वहीं आर्थिक बर्बादी भी कर रहे हैं, आज मोबाइल हमारे लिए इस तरह की वस्तु बन गया है की थोड़ी देर भी मोबाइल खुद से दूर होने पर व्यक्ति बेचैन,परेशान हो जाता है, मोबाइल का सही उपयोग किया जाए तो इससे बहुत से कार्य आसानी से किए जा सकते हैं। लेकिन आज स्थिति यह है कि नौनिहाल छात्र-छात्राएं एवं युवा वर्ग ऑनलाइन गेम खेल कर अपने भविष्य को अंधकार की ओर ले जा रहे हैं,स्थिति आत्महत्या तक पहुंच रही है। कुछ समाज के सभ्य लोग सेलिब्रिटीज, सुप्रसिद्ध टीवी चैनल नए-नए ऐप (डाटा प्रोग्राम) का प्रचार कर आज के नैनीताल छात्र-छात्राओं एवं युवा वर्ग को जुआ (सट्टा) खेलने की लत (आदत)लगा रहे हैं। जिस देश का भविष्य युवा वर्ग अंधकार की ओर जा रहा है, इन ऑनलाइन गेम खेलने की वजह से युवा वर्ग अनिद्रा से गुजर रहा है जिस कारण वह मानसिक तनाव में रहने लगा है। दुख की बात तो यह है इन जुआ(सट्टा) खिलौने वाले ऑनलाइन गेम्स का प्रचार प्रतिष्ठित व्यक्ति क्रिकेटर,फिल्म स्टार एवं सुप्रसिद्ध चैनल हैं। और हम भली भांति जानते हैं की आज का युवा वर्ग क्रिकेटर्स एवं फिल्म स्टार को ही अपना आदर्श मानता है।
ऑनलाइन गेम्स के कारण ही बच्चे शारीरिक खेल से दूर हो रहे हैं जिससे उनका स्वास्थ्य हानि पहुंच रही है, वही वह सामाजिक कार्यों में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं, परिवार से भी दूर होते जा रहे हैं, बच्चों में लगातार चिड़चिड़ापन बढ़ता जा रहा है, और ननिहाल अपनी बचपन की टोलियों से दूर होते जा रहे हैं, इसी के कारण अपने समाज संस्कृति और सभ्यता से भी दूर होते जा रहे हैं, इसी के कारण उनको मानसिक शारीरिक और आर्थिक नुकसान से गुजरना पड़ रहा है।
पैसा कमाने की दौड़ में प्रतिष्ठित व्यक्ति हो या मशहूर टीवी चैनल हो कोई भी हो अपनी जिम्मेदारी को भूल चुके हैं अब हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने बच्चों का ध्यान रखें उनको मोबाइल पर गेम ना खेलने दें। सरकार को भी संबंध में कारगर सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि हमारे युवा और नैनीताल पीढ़ी का भविष्य सुखद बना पाए।
इसी विषय पर,

आदित्य शेखर सिंह राजपूत प्रबंधक ए डी एन जूनियर हाई स्कूल शहबाजपुर बिजनौर (उत्तर प्रदेश) महामंत्री आर्यावर्त रवा राजपूत एकता एवं सेवा समिति (बिजनौर)का कहना है।

कोरोना काल के बाद में मोबाइल फोन का प्रयोग बहुत बढ़ गया है l यदि सदुप्रयोग किया जाये तो मोबाइल फोन एक बहुत उपयोगी गैजेट है एक कहावत भी है Science is a good servant but a bad master. इसलिए मोबाइल फोन जैसे उपयोगी गैजेट का सही प्रयोग अति आवश्यक है l किंतु देखने में आता है कि केवल 10% छात्र ही मोबाइल फोन का सदुप्रयोग करते ही नजर आ रहे हैं l 90% नौनिहाल छात्र मोबाइल के अंधकार रूपी चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं l हमारी युवा पीढी फिल्म स्टार्स और क्रिकेटर को अपना आदर्श मानते हैं और उनका अनुसरण करना ही अपना स्टाइल मानते हैं l फिल्म स्टार्स और क्रिकेटर की तरह हेयर स्टाइल रखना, कपड़े पहनना, बातें करना, चलना फिरना, उठना बैठना आदि को युवा अपना अन्दाज मानते हैं
इस सबके के चलते एक बात नौनिहाल और युवा समाज के लिए घातक वो है ओनलाइन गेम रूपी जुआ l ओनलाइन गेम्स के कारण युवा पीढ़ी व नौनिहाल अनेक प्रकार से अपना नुकसान कर के अपना भविष्य अंधकारमय बना रहे हैं l
ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे शारीरिक खेल कूद से दूर होते जा रहे हैं , बच्चे अपनी आँखों को खराब कर रहे हैं,
ऑनलाइन गेम्स पर पैसों से जुआ खेल कर माता पिता के धन की बर्बादी कर रहे हैं,
ऑनलाइन गेम्स मे हर समय लगे रह कर बच्चे मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं,
ऑनलाइन गेम्स पर रोज रोज पैसे की बाजी लगाकर बच्चे जुआ(सट्टा )के आदी हो रहे हैं,ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे अपने अभिभावक (माता पिता) से भी कम बाते कर रहे हैं,
ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे अपने घरों में चोरी करना सीख रहे हैं ,ऑनलाइन गेम्स की लत के कारण बच्चे रिश्तेदारों से उधार मांगते नजर आ रहे हैं,ऑनलाइन गेम्स के कारण एक ही स्थान पर बैठे रहने के कारण बच्चों में मोटापा का शिकार हो रहे हैं और उनकी पाचन शक्ति भी कमजोर हो रही है,ऑनलाइन गेम्स में कुछ गेम्स में बच्चे अपने आप को गेम का हीरो मान लेते हैं और हार होने अपना शारीरिक नुकसान कर रहे हैं,ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे अनिद्रा का शिकार हो रहे है, ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे सामाजिक रिश्तों से भी दूरियां बना रहे हैं, कुछ ऑनलाइन गेम्स के कारण तो बच्चों के आत्महत्या करने की सूचनाएं भी प्राप्त हुई हैं, कभी कभी ऑनलाइन गेम्स के कारण माता पिता की चोरी से लिये गये रुपयों की बर्बादी के कारण भी बच्चों के आत्महत्या के केस भी नजर आ रहे हैं ,ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन की आदत भी पनप रही है और उनका मानसिक विकास भी अवरुद्ध हो रहा है लो
समझ नही आ रहा है कि हमारी नौनिहाल और युवा पीढ़ी का भविष्य किस दिशा में बढ़ रहा है। जिस प्रकार कही जूआ, सट्टा या लॉटरी खेली जाती है तो पुलिस/ प्रशासन की सख्ती के कारण वो जुआ, सट्टा और लॉटरी के ठिकाना बंद करा दिये जाते हैं ताकि हमारी भोली भाली जनता की मेहनत की कमाई व्यर्थ ना चली जाये l किंतु ये ऑनलाइन गेम्स रूपी जुआ तो वर्तमान परिपेक्ष्य में भयंकर दानव बनता चला जा रहा है लो हम सभी को इस विनाशकारी दैत्य के विरुद्ध खड़ा होना होगा l
हमारे सैलिब्रिटीज को भी सोचना होगा कि वो ऐसे ऑनलाइन गेम्स का प्रचार, प्रसार कतई ना करें जो कि आर्थिक जोखिम को दर्शता हो और बच्चे उस गेम के आदी बन जाये, क्योंकि सैलिब्रिटीज के द्वारा किये गये विज्ञापन का हमारे नौनिहाल अवश्य अनुसरण करते हैं l माता पिता को भी जिम्मेदार बनना होगा और ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चे ऑनलाइन गेम्स के जुये के जंजाल में ना धंसते चले जाएं l सरकार को भी इस संबंध में कारगर सख्त कदम उठाना चाहिये ताकि हमारी युवा और नौनिहाल पीढ़ी का भविष्य सुखद बन पाये l
ऑनलाइन गेम्स के प्रति यह मेरा विचार और दृष्टिकोण है यदि किसी को इन विचारों से ठेस पहुँचती है तो मै क्षमा प्रार्थी हूँ l
इसी विषय पर।

मनोज कुमार जिला अध्यक्ष भारतीय सोशलिस्ट मंच (बिजनौर)

का कहना है कि जिस तरह से आज हमारे देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति क्रिकेटर्स फिल्म स्टार और भी कई स्पोर्ट्समैन एवं यूट्यूब्रो द्वारा मोबाइल पर जुआ (सट्टा) अप का विज्ञापन(प्रचार) हो रहा है और इनको अपना आदर्श मानने वाले नैनीताल छात्र-छात्राएं एवं युवा वर्ग जुआ का आदि होता जा रहा है जिसके कारण उनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है। जिसकी मैं भारतीय सोशलिस्ट मंच की ओर से घोर निंदा करता हूं।
और सरकार से अपील करता हूं कि इसके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं इन अप को बंद कर नौनिहाल छात्र-छात्राओं एवं युवा वर्ग को इस जंजाल से बाहर निकला जाए और देश के भविष्य को सुरक्षित किया जाए, क्योंकि नैनीताल छात्र-छात्राएं एवं युवा वर्ग ही देश का भविष्य है।

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