सहारा से भुगतान को लेकर चुनाव बहिष्कार अभियान ने पकड़ा जोर, 31 से दिल्ली में जमावड़ा

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सहारा से भुगतान को लेकर चुनाव बहिष्कार
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दिनेश चंद्र दिवाकर का 7 फरवरी को जंतर मंतर पर हजारों लोगों के पहुंचने का दावा

कांग्रेस ने भी खोल रखा है सहारा के खिलाफ मोर्चा

चरण सिंह राजपूत 
नई दिल्ली। सहारा की ठगी के खिलाफ देशभर में आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में बहिष्कार के लिए जो अभियान छेड़ा है वह जोर पकड़ रहा है। सहारा के निवेशक और एजेंट जगह-जगह भुगतान नहीं तो मतदान के स्लोगन लिखे बैनर लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। देश की राजधानी इस आंदोलन का केंद्र बनने जा रही है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर देशभर के सहारा पीड़ित ३१ जनवरी से डेरा डाल रहे हैं। यह आंदोलन अनिश्चितकालीन चलने का दावा किया जा रहा है।
राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश कुमार दिवाकर का कहना है कि दुनिया में हमारे देश के लोकतंत्र का सबसे मजबूत माना जाता है।  जैसा भारत का जो संवैधानिक ढांचा है वैसा दुनिया मे किसी देश के पास नहीं है। यहां बाबा साहेब के सपनों को कागज में सजाया जाता है लेकिन जब धरातल पर उसे लाने की बारी आती है तो तमाम धार्मिक उन्माद फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश की जाती है। लोगों का मानना है कि संविधान के अनुसार मताधिकार का प्रयोग जिसके पक्ष में ज्यादा होगा वह पार्टी जीतकर संविधान की कसम खाकर देश मे एकता समानता व समरसता के भाव को जीवित रखेगा तथा देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाएगा।  40 साल पहले एक कंपनी आई जिसका नाम सहारा इंडिया था। देश के गरीबों के पैसे अपने कंपनी में जमा कराकर उनको उनका भुगतान न देकर इस देश के क्रिकेट खिलाड़ियों को सोने का बल्ला देश के नेताओं को सोने का सिक्का आदि को देकर अपने आपको संरक्षण का आवरण बनाया।
सहारा की ठगी के चलते हजारों गरीब देश में दवा के बिना मर गए, कितने बेटियों की शादी नहीं हुई तो कितने के शिक्षा को चौपट का रास्ता दिखाया गया।
उन्होंने कहा कि पहले भुगतान फिर मतदान के नारे के साथ वह देश के विभिन्न राज्यों में जायेंगे और  मतदान का बहिष्कार करने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि वह देश के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि सभी लोग सहारा से भुगतान नहीं तो मतदान नहीं नारा लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार करें। 
उन्होंने कहा की लोगों को सहारा से सतर्क रहने की भी जरूरत है। दिनेश दिवाकर ने कहा कि लोग हमें जाति धर्म के नाम पर भटकाना चाहते हैं, जिससे हम अपना भुगतान की बात न कर सके तो ऐसे लोगों से हमे सतर्क रहना पड़ेगा।
देश के पांच राज्यो में चुनाव है मैं पांचों राज्यों में पहुँचकर नोटा का प्रचार  करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे लोग सहारा के खिलाफ चल रहे आंदोलन पहले भुगतान फिर मतदान को सफल बनाने के लिए 7 फरवरी को दिल्ली जंतर मंतर पर जरूर पहुंचे। दिनेश दिवाकर का दावा है कि जंतर मंतर पर होने वाला आंदोलन ऐतिहासिक होगा। फरवरी में सहारा के खिलाफ होने जा रहे आंदोलन में बड़े स्तर पर लोग पहुंच रहे हैं।
ज्ञात हो कि कांग्रेस भी सहारा और पर्ल जैसी कंपनियों पर लाखों लोगों का पैसा हड़पने का दावा करते हुए आंदोलन कर रही है। सहारा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा करने वाली योगी सरकार सहारा पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि  आज उत्तर में सपा, बसपा जैसे अन्य विपक्षी दलों के बजाय सिर्फ कांग्रेस ही प्रियंका गांधी के नेतृत्व में गांव-गरीब, किसान-बेराजगार और शोषित-वंचितों की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ती नजर आ रही है, जिसके चलते अब हमने सहारा और पर्ल्स ग्रुप की कंपनियों में आरडी और एफडी के जरिये फंसे करोड़ों लोगों के पैसे को भी उन्हें वापस दिलाने का फैसला किया है।  उनका कहना है कि प्रदेश के करोड़ों गरीब मजदूरों, किसानों, रेहडी, ठेला और पटरी वालों ने बड़ी उम्मीद के साथ अपने बच्चों की शादियों, सुरक्षित भविष्य और एक छोटे से आशियाने के लिये एक-एक रुपया जोड़कर सहारा इंडिया और पर्ल्स में अपना पैसा जमा किया था, लेकिन आज उनकी पॉलिसी की मियाद काफी पहले ही पूरी हो जाने के चलते वह अपने पैसों की चाहत में रोज बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं. उसे सहारा और पर्ल्स जैसी कंपनियों ने हड़प ललया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सहारा की ठगी का मुद्दा राज्य सभा में उठाने का वादा सहारा पीड़ितों से किया है। वैसे भी छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी सहारा ठगी का मुद्दा उठ चुका है।

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