अनुशासनात्मक ज्ञान विद्यार्थी जीवन का मूलाधार 

प्रो. नचिकेता सिंह

मैं सभी विद्यार्थियों का नए शैक्षणिक सत्र में स्वागत करते हुए बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूँ। सभी सेमेस्टर के विद्यार्थियों को एक साथ कॉलेज परिसर में देखकर बहुत उत्साहित भी हूँ । इस मौके पर आप सभी को एक संदेश देते हुए यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि हमारा कॉलेज प्रशासन आपकी क्षमताओं को विकसित करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा । क्योंकि हम अपने सभी विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।किसी भी शैक्षणिक सत्र के पहले कुछ दिन महाविद्यालयी जीवन से आपका परिचय करने या कराने की गतिविधियों में निकल जाता है। इस दौरान आपको अपने कॉलेज के इतिहास, उसकी संगठनात्मक संरचना, कॉलेज में प्राप्त शिक्षा के लाभ का मूल्यांकन करने के साथ ही,यहाँ की नीतियों से अवगत होने में मदद मिलती है।इसीलिए कॉलेज में आयोजित होने वाले अभिमुखी कार्यक्रम कॉलेज प्रशासन और नए विद्यार्थियों के बीच आपसी संबंध को विकसित करने के साधन बनते हैं।हम इन सालों में कक्षाओं में या उसके बाहर होने वाली गतिविधियों में आमने- सामने बैठकर एक –दूसरे को जानने की कोशिश में नए कौशल के मार्ग तलाशें जाएं, यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
जीवन में कामयाबी हर व्यक्ति का सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम एवं अनुशासन की बहुत  जरूरत होती है। इस कॉलेज की खासियत है कि हम अपने यहाँ के अनुशासनात्मक माहौल को ज्ञान की धारा के माध्यम से जीवंत,सौहार्दपूर्ण  और समावेशी बनाने के लिए हमेशा हर संभव कोशिश करते हैं।इसलिए सभी विद्यार्थियों से हम अपेक्षा रखते हैं कि कोई भी विद्यार्थी किसी की भी रैगिंग न करे और  न कॉलेज परिसर में इसे  होने दे। यदि इसमें कोई भी विद्यार्थी संलिप्त पाया गया तो उस पर उचित दंडात्मक कार्यवाही होगी। अतः आप सभी विद्यार्थियों से कॉलेज प्रशासन उम्मीद करता है कि आप कॉलेज के इस माहौल को बनाये रखने में हम सबका सहयोग करेंगे।  क्योंकि शिक्षा का मतलब सिर्फ़ ज्ञान और कौशल को हासिल करना ही नहीं होता , बल्कि वह हमें ऐसे जीवन के लिए तैयार भी करती है,जो समाज और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में काम आए। यही सोच आप सभी के भविष्य में बहुत काम आएगी, चाहे आप उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हों  या अपने पसंद के कार्यक्षेत्र में काम कर रहे हों। यही वजह है कि हम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए पाठ्येतर गतिविधियों के महत्व को समझते हैं,इसलिए हम अपने विद्यार्थियों को कक्षा के बाहर की विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए  हमेशा प्रोत्साहित और प्रेरित करते हैं।इसी को ध्यान में रखते हुए कॉलेज की अनेक कमेटियाँ इन पाठ्येतर गतिविधियों को पूरे सत्र में अनेक रूपों में चलतीं हैं। आप सभी विद्यार्थियों को यह सुझाव है कि आप अपनी पसंद की किसी भी कमेटी के सदस्य बनकर उसमें सक्रिय भूमिका के द्वारा अपने कौशल को निखार सकते हैं। हमारे कॉलेज का पुस्तकालय पुस्तकों से संबंधित सभी मामलों में बहुत समृद्ध है। इसका यथोचित लाभ आप सभी लोग लें।
कॉलेज के शैक्षणिक सफलता के वातावरण को बनाने और उसे विकसित करने के लिए जरूरी है कि आप सभी नियमित रूप से क्लास में आएं।इसीलिए आप सभी की क्लास में 67 % उपस्थिति अनिवार्य की गई है।इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमारे पास अनेक उत्कृष्ट संकाय सदस्यों और नॉन –टीचिंग कर्मचारियों की टीमें हैं। ये सभी आपको हर तरह से हर संभव सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। लेकिन यह समर्पित भाव एक तरफा नहीं होना चाहिए। विद्यार्थियों को भी उसी समर्पित भाव से कॉलेज के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। यह हमारे साथ आप अभी विद्यार्थियों का भी कर्तव्य है । क्योंकि शिक्षा एक यात्रा है, कोई मंजिल नहीं। हम  कड़ी मेहनत, दृढ़ इच्छा-शक्ति और समावेशी विकास की मानसिकता के साथ वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं, जो आप अपने मन में ठान चुके हैं। क्योंकि अनुशासनात्मक ज्ञान विद्यार्थी जीवन का मूलाधार है। यही मूलाधार मजबूत नींव बनकर विद्यार्थियों के भविष्य की नई इमारतें खड़ी करने में सहायक होती है। हम आपको पूरे शैक्षणिक सत्र में इसीअनुशासनात्मक ज्ञान को सिखाने और समझाने की कोशिश करते रहेंगे ।
अंत में आप सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए यह कहना चाहता हूँ कि आपका उज्ज्वल भविष्य आपकी दृढ़ संकल्पनात्मक शक्ति, आशा के धरातल पर खड़े होकर नए विजन को तैयार करने एवं आत्म-आश्वासन के संयोजन से ही संभव है। हम सभी आज से ही यह प्रण लें कि अपने महाविद्यालय के विकास में एकजुट होकर काम करेंगे ,जिससे हमारा महाविद्यालय देश के अग्रणी महाविद्यालयों में भी शुमार हो।

(लेखक श्यामलाल कॉलेज (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल हैं)

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