समाजवादी पार्टी सरकार में एक ऐसा नाम जिसको मोदी लहर में भी कोई फर्क नहीं पड़ा जो अपनी अलग पहचान रखते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के संभल में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की जिनको अभी तक कोई हरा नहीं पाया हैं।और यही कारण हैं की समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 16 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी हुई जिसमे सबसे पहला नाम संभल से समाजवादी पार्टी के मौजूदा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का था। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कुछ समय में हो जाएगा उससे पहले उत्तरप्रदेश में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है,
बात करे डॉ शफीकुर्रहमान बर्क की उन्हें उत्तर प्रदेश में बड़े मुस्लिम नेता के रूप में देखा जाता है वह पांच बार के सांसद और चार बार विधायक हैं। उनका जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था। साल 2019 में अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी से संभल लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे। ऐसा भी बोला जाता हैं की डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का किला भेदने में आज तक कोई कामयाब नहीं हो पाया है। जिसके चलते उनकी एक अलग पहचान हैं पार्टी के भीतर वहीं शफीकुर्रहमान बर्क चार बार विधायक भी रहे हैं। साल 1996 में वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर सदन में गए थे। जिसके बाद सपा उम्मीदवार के तौर पर मुरादाबाद से लोकसभा सांसद बने थे। इस बीच 1974 में बीकेडी के टिकट पर विद्यानसभा चुनाव लड़कर संभल से विधायक बने थे। और यही कारण है की डॉ. बर्क का पश्चिमी यूपी की राजनीति पर पकड़ के कारण ही अखिलेश उन्हें नजरअंदाज नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव पास है तो उनको मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है।
मोदी की पहली लहर में निपटे थे बर्क
ऐसा पहली बार हुआ की जब डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को बड़ी हार का सामना करना पड़ा वर्ष 2014 में पहली मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। यह पहला मौका था जब उन्हें संभल सीट से हार झेलनी पड़ी थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सत्यपाल सिंह ने सपा के कद्दावर नेता को 5174 वोटों से मात दी थी। वहीं इस चुनाव में सत्यपाल सिंह को 3,60,242 वोट मिले थे। इस चुनाव में बसपा तीसरे स्थान पर रही थी।
जिसके बाद र्ष 2019 के चुनाव में सपा- बसपा गठबंधन का फायदा डॉ. बर्क को मिला। इस चुनाव में डॉ. बर्क 6,58,006 और भाजपा के परमेश्वर राव सैनी करे 4,83,180 वोट मिले। डॉ. बर्क ने मोदी- योगी लहर के बाद भी 1,74,826 वोटों से जीत दर्ज कर अपनी सीट पर दोबारा कब्जा जमाया।