केजरीवाल की ओर से पेट्रोल की कीमतों पर देर से लिए फैसले से दिल्ली वालों को हुआ नुकसान : मनोज तिवारी

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नई दिल्ली, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने के केंद्र के फैसले के तुरंत बाद ईंधन पर वैट कम कर दिया होता, तो दिल्लीवासियों की गाढ़ी कमाई बर्बाद नहीं होती।

तिवारी ने बुधवार दोपहर हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा, “अपनी जिद पर कायम केजरीवाल 27 दिन तक लूटते रहे दिल्ली की जनता को! देर से किए गए फैसले से एक बार फिर साबित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता की कोई परवाह नहीं है! लेकिन बेहतर होता कि यह फैसला 27 दिन पहले ले लिया जाता तो दिल्ली वासियों को करोड़ों रुपये का नुकसान नहीं होता।”

दिल्ली सरकार द्वारा ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को पहले के 30 प्रतिशत से घटाकर 19.40 प्रतिशत करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमतों में 8 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है।

मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह निर्णय लिया गया। अभी तक पेट्रोल 103.97 रुपये में बिक रहा है और नई दरें आधी रात से लागू हो जाएंगी।

इस बीच, दिल्ली में डीजल की दर 86.67 रुपये है। मुंबई में मेट्रो शहरों में ईंधन की दर सबसे अधिक है और पेट्रोल 109.98 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है।

4 नवंबर को केंद्र ने पेट्रोल और डीजल की दरों में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इस कदम के बाद, दिल्ली में विपक्षी दल आप के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से पेट्रोल पर वैट में कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का आग्रह कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की घोषणा के बाद, 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम किया है।

इनमें से अधिकांश राज्यों में या तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या उसके सहयोगियों का शासन है।

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