दिल्ली पुलिस महिला सुरक्षा के लिए ऐप और ऑल वूमेन पीसीआर वैन जैसे कदमों से अपना पीठ थपथपाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ती है। परंतु, असल में महिला हिंसा के मामलों में उसका ढीला रवैया इन सभी दावों की कलई खोल देता है।
दिल्ली नगर निगम डीबीसी कर्मी तथा यूनियन नेत्री मधुबाला द्वारा अपने पति अरविंद कुमार के खिलाफ़ पूर्वी दिल्ली के तहत आने वाले न्यू अशोक नगर थाने तथा एसीपी व डीसीपी के समक्ष कुल 12 बार मारपीट, शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना की लिखित शिकायत करने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसी का नतीजा है कि 20.02.2024 को अरविंद कुमार ने अपने रिश्तेदारों समेत मधुबाला और उसकी बहन के साथ जान से मारने के इरादे के साथ हमला किया।
इसके बाद भी मधुबाला के सहकर्मियों तथा यूनियन द्वारा दबाव बनाने के बाद ही न्यू अशोक नगर थाना पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज की, परंतु इसमें संगीन साजिश पूर्ण अपराध के अनुरूप धारा नहीं जोड़ी गई।
दिल्ली पुलिस के इस शर्मनाक आचरण के खिलाफ़ आज दिनांक 24.02.2024 को डीसीपी कार्यालय पूर्वी दिल्ली के समक्ष सीटू और जनवादी महिला समिति द्वारा प्रदर्शन किया गया। डीसीपी महोदय को ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें निम्न मांगें रखी गई :
1. दिनांक 20.02.2024 में दर्ज एफ.आई.आर. संख्या 0131/2024 में साजिश पूर्ण संगीन अपराध की धारा 307, 308, 354, 509 जोड़ी जाए। साथ अरविंद और अन्य रिश्तेदारों पर घरेलू हिंसा कानून के तहत 498-ए के लिए भी एफ.आई.आर. दर्ज की जाए।
2. मधुबाला को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। जिससे उसके जान माल की सुरक्षा हो सके।
3. न्यू अशोक नगर थाना में यतेन्द्र, आई.ओ, संजय नियोलिया, थानाध्यक्ष द्वारा समय पर उपयुक्त 3 कार्यवाही करने में की गई देरी जिस कारण अरविंद का हौसला बढ़ा और दिनांक 20.02.2024 को जान लेवा हमला हुआ। इन सबके खिलाफ़ विभागीय जांच कर, उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
4. वूमेन सेल, द्वारा समय पर कार्यवाही न करने की भी जांच कर कार्यवाही की जाए। पुलिस न्याय व्यवस्था में आम नागारिकों का विश्वास बना रहे इसके लिए ये कार्यवाही जरूरी है।
आज के प्रदर्शन को अनुराग सक्सेना, महामंत्री सीटू दिल्ली, वीरेंद्र गौड़, अध्यक्ष, पुष्पेंद्र सिंह सचिव, सीटू पूर्वी दिल्ली, मैमूना मोल्ला, अध्यक्ष, सेहबा फारुकी जनवादी महिला समिति व समिति सदस्य रेखा चौहान, गुड़िया देवी, किरण, सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, पूनम देवी, लता सिंह, राम सागर, जेपी शुक्ला, जी एस तिवारी, सुनन्द, ईश्वर त्यागी आदि ने उपस्थित प्रदर्शन करियों को संबोधित किया पुलिस की अपराधी को बचाने में मिली भगत पर आक्रोश प्रकट किया। DCP अपूर्व गुप्ता अपराध अनुरूप आई पी सी की धारा लगाने को कहा। DCP ने मौके पर मौजूद थानाध्यक्ष हारून अहमद को घरेलू हिंसा कानून के तहत 498-ए में मुकदमा दर्ज करने को कहा। बाकी धारा जिनकी हमने मांग रखी उस पर उन्होंने एम एल सी में डॉक्टर की रिपोर्ट आने पर कार्यवाही करने को कहा।
वक्ताओं ने कहा कि
जब तक मधुबाला को न्याय नहीं मिलता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमारे लिए यह केवल एक मामला भर नहीं है, जिस तरह राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में महिलाएं घरों से बाहर तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करते हुए काम कर रही हैं, उनके लिए घरों के अंदर तथा बाहर सुरक्षा का सवाल एक बड़ा सवाल है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन का यह लचर रवैया कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।