Delhi Jahangirpuri: देश अचानक साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में कैसे आ गया?

देश में इन दिनो हर जगह धार्मिक तनाव बढ़ रहा हैं हर जगह त्यौहारों का आड़ लेकर पहले शोभा यात्रा निकलती है फिल भडकाव भाषण और फिर पथराव की घटना। देशभर में एक ही पैटर्न ।

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Delhi Jahangirpuri: देश अचानक साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में कैसे आ गया?
Delhi Jahangirpuri: देश अचानक साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में कैसे आ गया?
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Delhi : देश अचानक साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में कैसे आ गया? 2020 में हुए दंगे के बाद Delhi में  एक बार फिर साम्प्रदायिक माहौल बन रहा जिसमें हिंसा की खबर सामने आ रहीं। Delhi में नवरात्रि के आते ही दक्षिण से शुरु साम्प्रदायिकता Delhi तक पहुंच गई। South Delhi के मेयर मुकेश सुर्यान के नवरात्रि में मांस की दुकानें बंद कराने के फैसले के बाद से शुरू हुआ विवाद अब जहांगीरपुरी में पथराव तक पहुँच गया।

Delhi में पथराव, हिजाब, अजान लाउडस्पीकर या फिर हनुमान जयंती इन सभी का तार कही ना कही एक दूसरों से जुड़ा है मतलब नफरत की आग जाती और धर्म की आग। इस आग में जलने का कारण क्या है और इसके पीछे की कहानी क्या है तो चलिए विस्तार से  जानते है। गुजरात और आध्रप्रदेश से भी पथराव की खबर आ रही हैं।

Delhi के जहांगीरपुरी मामले की अपडेट-

अब बात करते है Delhi के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri violence) में हनुमान जयंती के शोभायात्रा पर हुआ पथराव मामले की तो पुलिस ने CCTV कैमरे की फुटेज के आधार पर जांच शुरु कर दी हैं, अब तक 22 लोगों की गिरफ्तारी का मामला सामने आया हैं। पुलिस फुल एक्शन मोड पर नजर आ रही। पुलिस ने बिना वर्दी के शिनाख्त शुरु कर दी हैं।

The Delhi Files : The Kashmir Files के बाद अब Delhi की बारी

क्या हुआ था Delhi के जहांगीरपुरी में –

Delhi Jahangirpuri: हिंसा के बाद पुलिस की तैनाती
Delhi Jahangirpuri: हिंसा के बाद पुलिस की तैनाती

दरअसल हनुमान जयंती के मौके पर Delhi के जहांगीरपुरी इलाके में शोभा यात्रा निकलने के दौरान दो समुदाय के बीच में पथराव जैसी घटनाएं हुई, जिसके कारण इस घटना में पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए हैं। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक, “जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से जा रही थी। जैसे ही जुलूस जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंचा तो एक व्यक्ति अपने चार-पांच अन्य लोगों के साथ जुलूस में शामिल लोगों से बहस करने लगा।

जिसके बाद दोनों गुटों के बीच पथराव शुरू हो गया। वहीं धार्मिक जुलूस की सुरक्षा में तैनात पुलिस ने दोनों गुटों को समझाते हुए अलग कर दिया और मामला शांत कर दिया लेकिन, कुछ देर के बाद दोनों पक्षों में फिर से झड़प शुरू हो गई। और हनुमान जयंती के मौके पर पथराव कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की गई।”

Delhi के अलावा और कहां हुई ऐसी घटनाएं –

दरअसल दो समुदायों के बीच पथराव जैसी घटनाएं सबसे पहले गुड़ी पड़वा के दिन राजस्थान के करौली हुआ, उसके बाद राम नवमी के मौके पर अलग अलग राज्यों के कई जगहों से पथराव वाली घटनाएं सामने आई बता दें कि राजस्थान, गुजरात, बिहार, बंगाल, झारखण्ड और मध्य प्रदेश के खरगौन में दो दिन तक हिंसक झड़प हुआ।

इस झड़प को मध्य प्रदेश सरकार ने आड़े हाथों लिए और तुरत कारवाई करते हुए दोषियों के घर पर बुलडोजर चलवा दिया गया। मगर इन पथरबाजों का हौसला फिर भी काम नहीं हुआ यही कारण है आज Delhi का नाम भी उस लिस्ट में शामिल हो गया है जो पथरबाजों के करतूत से बदनाम है, इसमें कोई दोराई नहीं अगर हम इस नफरत की आग को कर्णाटक के हिजाब विवाद से जोड़कर देखें। क्योकि जाती और धर्म की आग पर सबसे पहले वहीं रोटी सेकि गई थी।

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आपको याद होगा फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी Delhi में CAA के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी और 700 से अधिक घायल हुए थे। और कार्यवाही के नाम पर क्या हो रहा यह हम सभी भली भांति जानते हैं। उम्मीद है कि अब इस तरह के मामले थम जाए। हम नहीं चाहते हमारे देश में कोई ऐसी घटनाएं हो जिससे हमें और आपको पछताना पड़े बस जाते जाते इतना कहना चाहूंगी दोस्तों ये जाती-धर्म, मंदिर-मस्जिद सब एक मोह माया है, वहां नफरत भगाओ प्रेम फैलाओ जहां मनुष्य का साया है।

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