
ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने 348 किलो गांजा जब्त कर अंतरराज्यीय नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत लगभग 1.75 करोड़ रुपये बताई जा रही है। गांजा आंध्र प्रदेश से तरबूजों के नीचे छिपाकर ट्रक में लाया जा रहा था। पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। बता दे कि पुलिस ने इस ऑपरेशन में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जिनकी पहचान इंतजार मलिक और रिजवान के रूप में की हुई। दोनों उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं और पहले भी नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल रहे है।
नशा मुक्त भारत अभियान के पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना
डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बतांया कि 20 मई को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में गांजा लाया जा रहा है जो सोनिया विहार से ले जाया जाएगा। सूचना की पुष्टि कर कानूनी कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर विकास पन्नू के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई और इसके बाद ट्रक की आंध्र प्रदेश से दिल्ली तक की निगरानी टोल प्लाजा सीसीटीवी व मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से की गई। 21 मई की रात करीब 2 बजे सोनिया विहार पुस्ता पर ट्रैप लगाकर संदिग्ध ट्रक को रोका गया। तलाशी लेने पर तरबूज के नीचे छिपाकर रखे गए 17 प्लास्टिक थैले बरामद किए, जिनमें 348 किलो गांजा भरा हुआ था।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपित, नेटवर्क की जांच जारी
बता दे कि आरोपी इंतजार मलिक (31 वर्ष), पिछले 4-5 वर्षों से गांजा तस्करी में सक्रिय है और पूर्व में आंध्र प्रदेश के नार्सीपट्नम थाने में 45 किलो गांजा तस्करी के केस में गिरफ्तार भी हुए है और साथ ही वह हरियाणा के सोनीपत जिले में दो अन्य मामलों के भी आरोप है। वहीं रिजवान (32 वर्ष), ट्रक चालक के रूप में इंतजार के साथ कमीशन पर काम करता था। उसपर भी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है। पुलिस ने दोनों तस्करों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब पुलिस इस पूरे अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, ताकि गांजे के स्रोत, सप्लाई चेन और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके।