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माकपा को त्रिपुरा निकाय चुनाव का फैसला मंजूर नहीं : माणिक सरकार

मंजूर
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अगरतला, माकपा त्रिपुरा में हाल के निकाय चुनावों के फैसले को स्वीकार नहीं करती। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार ने मंगलवार कहा कि 20 शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव ‘धोखाधड़ी’ से कराए गए थे, इसलिए चुनाव के परिणाम ‘निष्पक्ष’ नहीं हैं। सरकार ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा ने प्रशासन के साथ मिलकर 25 नवंबर को होने वाले निकाय चुनावों को ‘तमाशा’ बना दिया।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सरकार ने मीडिया से कहा, “चूंकि चुनावों में पूरी तरह से हेराफेरी की गई थी, इसलिए इसका कोई महत्व नहीं है कि कौन पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर रहा।”

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं और गुंडों द्वारा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं और उम्मीदवारों सहित कार्यकर्ताओं के अभूतपूर्व आतंक के कारण स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने के लिए माहौल बिल्कुल भी अनुकूल नहीं था।

उन्होंने कहा, “मतदान के दिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्रों पर कब्जा कर लिया, विपक्षी दलों के चुनाव एजेंटों को बेदखल कर दिया और यहां तक कि महिला उम्मीदवारों सहित अन्य पर भी हमला किया।”

वर्ष 1998-2018 तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने वाले सरकार ने कहा, “2023 के विधानसभा चुनावों से पहले माकपा को लोगों के साथ चुनौती का सामना करना पड़ेगा।”

माकपा नेता ने नगर निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करने के लिए नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और इसे प्रधानमंत्री पद के लिए ‘शर्मनाक’ बताया।

सरकार ने कहा, “मोदी को नहीं पता कि त्रिपुरा में क्या हो रहा है। भाजपा शासित राज्य में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। लोग अब भाजपा के कुशासन के खिलाफ मुखर हो रहे हैं।”

राज्य के कानून और शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के वामपंथी शासन में चुनाव के दौरान हिंसा और धांधली के आरोप का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय अगर कोई घटना हुई थी तो पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की थी।

नाथ ने सोमवार को आरोप लगाया कि माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने ‘हिंसा के निराधार आरोपों से लोगों को भ्रमित किया’।

मंत्री ने कहा, “कोई हिंसा नहीं हुई, कोई हत्या नहीं हुई, बम विस्फोट की एक भी घटना नहीं हुई (नगर निगम चुनावों के दौरान)। लेकिन वामपंथी शासन के दौरान, चुनाव के दौरान और बाद में हिंसा एक सामान्य घटना थी।”

सत्तारूढ़ भाजपा ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अगरतला नगर निगम (एएमसी) सहित सभी 20 नगर निकायों पर कब्जा कर लिया। पार्टी ने इस तरह निकाय चुनावों में क्लीन स्वीप किया। परिणाम रविवार को घोषित किए गए।

भाजपा उम्मीदवारों ने एएमसी की सभी 51 सीटों और 19 अन्य नगर परिषदों और नगर पंचायतों की अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की।

कैलाशहर, अंबासा और पानीसागर में तीन नगर निकायों में माकपा ने तीन सीटें जीतीं, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने अंबासा नगर परिषद में एक सीट जीती।