गांधीनगर, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सहयोग ही एकमात्र रास्ता है, जिससे देश विकास की ओर बढ़ सकता है। गुजरात की राजधानी में 415 करोड़ रुपये के नए अमूल संयंत्रों का उद्घाटन और उन्हें समर्पित करने के बाद शाह ने कहा, किसी भी देश के विकास के लिए एक सफल मॉडल की पहचान करना एक बहस का विषय है और कई आर्थिक मॉडल विफल हो गए हैं। देश की 130 करोड़ से अधिक आबादी और कई आर्थिक मॉडलों से गुजरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया कि सहयोग ही एकमात्र तरीका है, जिसके माध्यम से देश एक समावेशी विकास की ओर बढ़ सकता है और इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया।
उन्होंने कहा, उस समय कई लोग इस पर हंसे और इसके परिणाम पर सवाल उठाया। यह गर्व की बात है कि मुझे इसका पहला मंत्री बनने का सौभाग्य मिला।
यह कहते हुए कि सहकारी क्षण कोई नई बात नहीं है, उन्होंने कहा कि इसके बीज सरदार वल्लभभाई पटेल और त्रिभुवनदास पटेल ने बोए थे।
शाह ने कहा, क्या कोई विश्वास कर सकता है कि केवल 21 गांवों से शुरू हुई पहल अब 18,000 से अधिक दूध उत्पादक समितियों और 36 लाख महिलाओं के 53,000 करोड़ रुपये के कारोबार में बदल गई है? इसी तरह, देश के विकास आंदोलन के हर क्षेत्र में सहयोग और समावेशी विकास लाना सभी प्रश्नों का एकमात्र उत्तर है।
शाह ने दुग्ध उत्पादों के लिए शुरू किए गए सहकारी आंदोलन को उर्वरक और खेती के लिए जारी रखने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, जिस तरह आपने दूध प्रसंस्करण और विपणन रणनीति बनाई है, जैविक और प्राकृतिक उर्वरकों के उत्पादन के लिए एक समान विपणन रणनीति तैयार करें। अभी अगर देश में कोई बड़ी समस्या है, तो उर्वरकों की। रासायनिक उर्वरक भूमि को नष्ट कर रहे हैं, जबकि जैविक खेती न केवल भूमि को बचाएगी, बल्कि मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों के स्वास्थ्य को भी बचाएगी। अमूल से यह रणनीति बनाने का अनुरोध करता हूं।
257 करोड़ रुपये में स्थापित नया मिल्क पाउडर प्लांट, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क एंड मार्केटिंग फेडरेशन की एक इकाई होगी और यह एशिया की सबसे बड़ी पूरी तरह से स्वचालित डेयरी है, जिसमें प्रतिदिन 50 लाख लीटर दूध संभालने की क्षमता है। 150 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले अल्ट्रा-मॉडर्न मिल्क पाउडर प्लांट की स्थापना के साथ डेयरी की क्षमता 35 लाख लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 50 लाख लीटर कर दी गई है।