उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाती दिखाई दे रही है।
द न्यूज 15
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर से चुनाव लड़े थे। उनके खिलाफ मैदान में उतरकर आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। सीएम योगी ने अपने परंपरागत सीट पर जीत हासिल की है। वहीं चंद्रशेखर न सिर्फ यहां से चुनाव हारे बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गया। मुख्यमंत्री ने 50 हजार वोटों से जीत दर्ज की।
चुनाव आयोग के अनुसार पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे योगी आदित्यनाथ को 85,356 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा उम्मीदवार सुभावती उपेंद्र दत्त शुक्ला को 30,498 वोट मिले। चंद्रशेखर आजाद को केवल 4,501 वोट मिले। बता दें कि आदित्यनाथ ने 2017 तक गोरखपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया, जब उन्हें राज्य के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत के बाद यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था। गोरखपुर सदर सीट भी भाजपा का गढ़ रही है।
गोरखपुर सदर से केवल एक बार हारी भाजपा- सीएम योगी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला पर अपना उम्मीदवार बनाया खा, जिनका 2020 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। बीजेपी 1989 से इस सीट पर हावी रही है। उसे केवल एक बार 2002 में यहां से हार का सामना करना पड़ा था। तब योगी आदित्यनाथ ने यूपी चुनावों में राधा मोहन दास अग्रवाल का समर्थन किया था। अग्रवाल बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
चंद्रशेखर ने किए थे बड़े दावे- चंद्रशेखर ने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद बड़े-बड़े दावे करते रहे। उन्होंने कहा था हमारा मोर्चा सूबे के 403 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। हमें भरोसा है कि आजाद समाज पार्टी के बगैर सहयोग के उत्तर प्रदेश में सरकार नहीं बनेगी।
सपा से नहीं हुआ था गठबंधन- चुनाव से पहले उन्होंने गठबंधन के लिए सपा के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका था। अखिलेश ने कहा कि था कि फोन पर बात करने के बाद चंद्रशेखर ने सपा के साथ गठबंधन से इन्कार कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने दो सीट देने की बात कही थी। यूपी में एक बार फिर भाजपा प्रचंड जीत के साथ सत्ता में आने को तैयार है।