जनकपुरधाम। मिश्रीलाल मधुकर। : मधेश के विकास और मधेशी अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान संशोधन आवश्यक है। यह बात पूर्व उपप्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विमलेन्द्र निधि ने शनिवार को जनकपुरधाम में कही। वह नेपाली कांग्रेस और नेपाल डेमोक्रेटिक लायर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित “संविधान संशोधन र आवश्यकता” विषयक अंतरक्रिया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
संघीयता के बावजूद अधिकार सीमित:
निधि ने कहा कि नेपाल में संघीय व्यवस्था लागू हो चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकारों को पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नहीं दिया गया। इसके लिए वे संघीय सरकार पर निर्भर हैं, जिससे संघीयता का वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इस स्थिति को बदलने के लिए संविधान संशोधन की जरूरत बताई।
मधेश प्रदेश को कम बजट आवंटन पर सवाल:
निधि ने कहा कि मधेश प्रदेश की आबादी सबसे अधिक होने के बावजूद उसे कर्नाली प्रदेश से भी कम बजट मिलता है। उन्होंने बताया कि कृषि मधेश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है, लेकिन सिंचाई, खाद और बीज की कमी बनी हुई है। इसके अलावा, बेरोजगारी की समस्या भी विकराल होती जा रही है।
कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता हुए शामिल:
कार्यक्रम की अध्यक्षता डिसा संग्रोला ने की, जबकि यदुनाथ खनाल ने कार्यपत्र प्रस्तुत किया। इस दौरान सूर्य ढुंगेल, नारायण प्रसाद, नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय सदस्य मीनाक्षी झा, जिला अध्यक्ष योगेंद्र पंजियार, विधायक संजय कुमार महतो सहित कई विधायकों और मधेश प्रदेश के विभिन्न जिलों के नेपाली कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया।