प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया। 25 नवम्बर को हर साल देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साल 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को 26 नवम्बर को ही अपनाया गया था। इस मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द केवल शब्द ही नहीं हैं ये एक आह्वान, एक प्रतिज्ञा और एक विश्वास है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है। एक ऐसा देश जिसके बारे में आशंका जताई जाती थी कि वह अपनी आजादी बरकरार नहीं रख पाएगा। आज वही देश पूरी सामर्थ्य से अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए यह देश आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है जो ओपेन व फ्यूचरिस्टिक है और अपने आधुनिक विजय के लिए जाना जाता है। इसलिए स्वभाविक तौर पर हमारे संविधान की स्पिरिट यूथ सेंट्रिक है।
हमारे संविधान की स्परिट यूथ सेंट्रिक ज् प्रधानमंत्री ने कहा कि आज संविधान दिवस पर मैं देश की न्यायपालिका से एक आग्रह भी करूंगा कि युवाओं में संविधान को लेकर समझ बढ़े इसके लिए डिबेट और डिस्कशन को बढ़ाना चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ताकत से आज देश का सशक्तिकरण हो रहा। सामान्य मानवी के लिए कानूनों को सरल बनाया जा रहा है। आजादी का ये अमृत काल देश के लिए कर्तव्य काल है। व्यक्ति हों या संस्थाएं हमारे दायित्य ही हमारी पहली प्रतिज्ञा हैं।
65 हजार कानून के शब्दों की शब्दावली तैयार ज् कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, विधायी विभाग ने 65,000 कानून के शब्दों वाली एक शब्दावली तैयार की है। हमारी योजना इसे डिजिटाइज करने की है, जिसे जनता आसानी से इस्तेमाल कर सके। क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित कानूनी शब्दावलियों को एकत्र, डिजिटाइज करने और जनता के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। किरेन रिजिजू ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पूर्व एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता में भारतीय साामजिक समिति का गठन किया है। यह समिति क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनी सामग्री का अनुवाद करेगी और सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक सामान्य शब्दावली बनाएगी।