कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में जारी किया गया है यह घोषणा पत्र
नई दिल्ली। चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ का वादा किया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस मुख्यालय में घोषणा पत्र जारी किया गया। कांग्रेस के अनुसार, घोषणा पत्र में पार्टी के पांच न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- को शामिल किया गया है।
30 लाख सरकारी नौकरी का वादा
पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। उसने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है।
श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी
कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। उसने ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं। इसके अगले दिन जयपुर एवं हैदराबाद में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे। जयपुर में आयोजित घोषणापत्र संबंधी रैली को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा संबोधित करेंगी। हैदराबाद में घोषणा पत्र संबंधी जनसभा को राहुल गांधी संबोधित करेंगे।
पीएमएलए कानून पर नजर
शुक्रवार को पार्टी द्वारा जारी किए जाने वाले घोषणापत्र में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 को खत्म करने का भी वादा किया जाएगा। इसका दायरा कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तरफ से बढ़ाया गया था। बाद में 2015 और 2019 में संशोधन के माध्यम से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा मजबूत किया गया था।