The News15

Congress President : इस्तीफे और अतिरिक्त विन्रमता के क्या है मायने ?

Spread the love

Congress President : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से अधिक चर्चा उसके अध्यक्ष पद के चुनाव से है, इस पद के लिए पहले अशोक गहलोत के नाम पर आला कमान का भरोसा दिख रहा था लेकिन उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर मैडम से मांफी मांग लेने की बात कही है। अब गहलोत अपनी पावर दिखा रहे थे या सच में वे समर्पित है ये तो वक्त ही बताएगा।

उनके बाद सबसे अधिक चर्चा दिग्यविजय सिंह की हुई, पहले तो उन्होंने अपना पर्चा भरा लेकिन बाद में वापस लेते हुए बड़ी विनम्रता से बात रखी और आला कमान के प्रति वफादारी साबित की, जानकार इस विनम्रता की वजह किसी और पद की इच्छा को बता रहें है।

दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पद – 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से वापस दिखे थे, उन्हें यात्रा की कोर टीम में रखा गया। इसके बाद अचानक ही उनके दिल्ली आने की खबरें भी आने लगीं सभी ने कयास लगाए कि गहलोत के बाहर होने के बाद दिग्विजय सिंह अध्यक्ष (Congress President) पद के लिए पर्चा भर सकते है।

Congress President
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय “भारत जोड़ो यात्रा” से अपनी राजनीतिक भूमि तलाशते हुए

लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया जब नामांकन के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आने लगा, उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपनी बात रखी कि अगर पहले ही मल्लिकार्जुन खड़गे कहते तो मैं अपना नाम नहीं देता, खड़गे वरिष्ठ नेता है उनके खिलाफ मेै चुनाव (Congress President) नहीं लड़ सकता हूं।

‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति –

मई में उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति को अपनाया गया जिससे पार्टी पर लगने वाले आरोप कम हो सके, अशोक गहलोत इस मामले में कांग्रेस के आला कमान को नाराज कर चुके है।

यह भी पढ़ें – रणबीर के बाद अब विवेक का बीफ खाने का वीडियो

लेकिन दिग्विजय सिंह की ये विनम्रता जल्दी ही रंग ला सकती है, क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष पद (Congress President) के लिए नामांकन करने के एक दिन बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। खड़गे ने अपना त्याग पत्र 30 को ही दे दिया था।

80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद में सबसे आगे

अब इस पद के लिए दिग्विजय प्रबल दावेदार माने जा रहें है, उनके साथ नाम पी चिदंबरम के भी लिए जा रहें है।

यह भी पढ़े: भारत के पहले प्रधानमंत्री मरने के बाद भी उनकी इतनी चर्चा क्यों?

शशि थरुर का नामांकन – 

केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरुर ने भी कल अपना नामांकन (Congress President) भर दिया उनके अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की बात कई दिनों से की जा रही थी, थरुर ने अपना एक प्रोमो वीडियो भी लांच किया और बकायद अपने Nomination की बात रखी, इधर खड़गे ने कोई भी फैंसी प्रमोशन नहीं किए लेकिन अधिकत्तर वरिष्ठ नेताओं का समर्थन उन्हें प्राप्त है।

शर्शि थरुर अध्यक्ष पद का नामांकन करते हुए

लेकिन शशि थरुर ने नामांकन के साथ अपना मैनिफेस्टो भी मीडिया से साझा किया जिसमें अध्यक्ष बनने के बाद वे पार्टी को किस दिशा में ले जाएंगे उसके बारे में बताया।

झारखण्ड से केएन त्रिपाठी ने भी भरा था पर्चा –

आखिरी में झारखण्ड से हेमन्त सोरेन की पहले की सरकार में रहें मंत्री KN त्रिपाठी ने भी पर्चा भरा था, लेकिन पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने शनिवार को स्क्रूटनी कमेटी की बैठक के बाद यह जानकारी दी कि दस्तखत जैसी दिक्कतों के चलते उनका पर्चा खारिज कर दिया गया है।

गांधी परिवार से बाहर अध्यक्ष (Congress President) बनने से क्या बदलेगा

गांधी परिवार से बाहर किसी का अध्यक्ष बनना इतना आसान नही है, लगभग दो दशको से इस पद पर सोनिया और राहुल गांधी ही बने रहें, इस बार के चुनाव को देखने के बाद भी यही प्रतीत होता है कि गांधी परिवार की मर्जी के बिना किसी का अध्यक्ष बनना बहुत ही मुश्किल है।

यहां क्लिक कर आप The News 15 के YouTube Channel पर जा सकते है।

 

इसके बाद भी सभी राजनीतिक दल अपनें पार्टी के अंदर लोकतंत्र होने की दुहाई देते रहते है। देखना होगा कि क्या भारत की सबसे पुरानी पार्टी को बेहतर नेतृत्व (Congress President) मिलेगा या फिर बस नया चेहरा बस दिखावे के लिए। आपको यह खबर कैसी लगी नीचे कमेंट कर बताएं।