Congress President Election : कहा-बनूंगा खड़गे का प्रस्तावक, गांधी परिवार का हूं वफादार, मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है मुकाबला, द न्यूज 15 ने मल्लिकार्जुन खड़गे या शशि थरूर के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की लिखी थी बात
चरण सिंह राजपूत
नई दिल्ली। दिग्वजय सिंह के नाम वापस लेने के बाद अब मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय हो गया है। भले ही मुकाबले में शशि थरूर हों पर खड़गे पर गांधी परिवार का आशीर्वाद होने की वजह से वह कुछ कर नहीं पाएंगे। क्योंकि कांग्रेस में वही होता है जो गांधी परिवार चाहता है। हालांकि गांधी परिवार पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाना चाहता था पर गहलोत के समर्थक विधायकों का राजस्थान में बगावत करने से उनकी छवि गांधी परिवार की नजरों में खराब हुई है। शशि थरूर भले ही अध्यक्ष पद के लिए ताल ठोक रहे हों पर वह ज्यादा कांग्रेसियों का समर्थन प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
दरअसल दो दिनों से अध्यक्ष पद की रेस में दिख रहे दिग्विजय सिंह अब इस रेस इस हट गये हैं। शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने इसका ऐलान किया है। दिग्वजय सिंह ने गांधी परिवार से वफादारी का नाम लेते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में बैठने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और कहा कि यदि आप फार्म भर रहे हैं ता मैं आपके साथ हूं। मैंने साफ कहा कि आपके खिलाफ लड़ने की मैं सोच भी नहीं सकता हूं। इसलिए मैंने अब तय किया है कि उनका प्रस्तावक बनूंगा। दरअसल यह सब गांधी परिवार का खेल है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार गांधी परिवार ने दिग्विजय सिंह को खड़गे के पक्ष में पीछे हटने को कहा है।
मीडिया से बात करते हुए दिग्वजय सिंह ने कहा कि मैं तीन बातों पर समझौता नहीं करता हूं। पहला गरीब, दलित और आदिवासी के हित में। इसके अलावा सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष। तीसरा विषय यह है कि गांधी नेहरू परिवार के प्रति वफादार हूं। दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद अब अध्यक्ष पद की रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे और जी-२३ के नेता शशि थरूर ही बचे हैं। माना जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार का आशीर्वाद प्राप्त है। ऐसे में ज्यादातर नेता उनके नाम पर ही वोट कर सकते हैं और उनकी जीत तय मानी जा रही है। दिग्विजय सिंह उनके प्रस्तावक बन रहे हैं। इस रेस से हटे अशोक गहलोत भी खड़गे से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
बता दें कि सबसे पहले अशोक गहलात का नाम ही गांधी परिवार के आशीर्वाद प्राप्त उम्मीदवार के तौर पर आगे चल रहा था लेकिन राजस्थान में उनके समर्थक विधायकों की बगावत से वह पीछ रह गये। यहां तक कि अब उनकी राजस्थान सीएम की कुर्सी पर भी संशय पैदा हो गया है। अगले कुछ दिनों मे राजस्थान में विधायक दल की मीटिंग होने वाली है। इसमें राजस्थान के सीएम को लेकर फैसला हो सकता है।
उधर इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नता प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा अपनी आंख खोलो और देखो कि कांग्रेस में चुनाव होता है आपके यहां नहीं होता। प्रमोद तिवारी ने कहा कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने निर्णय लिया है कि वे खड़गे जी के प्रस्तावक बनेंगे। उनको मैं प्रणाम करता हूं। गांधी परिवार ने इस चुनाव मे कुछ दखल नहीं दिया।