कांग्रेस अध्यक्ष चुने जान के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था। वह 10 जनपथ जाकर उनका शुक्रिया अदा करना चाहते थे लेकिन उनको समय नहीं मिला। हालांकि सोनिया गांधी के दिमाग में कुछ और प्लान था। वह चाहती थीं कि खुद खड़गे के घर जाकर माहौल को दूसरी शक्ल दें। खड़गे की जीत के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा उनके घर पहुंचीं। दोनों ने गर्मजोशी के साथ खड़गे दंपति से मुलाकात की।
दरअसल खड़गे परंपरा को काायम करते हुए गांधी परिवार के पास खुद जाने के इच्छुक थे। लेकिन सोनिया गांधी ने लीक से हटकर कुछ करने का मन बनाया। उसके बाद सारा फोकस 10 जनपथ की बजाय खड़गे के घर 10 राजाजी मार्ग पर हुआ। सोनिया के साथ प्रियंका उनके घर पहुंचीं। फूलों के गुलदस्तों का आदान-प्रदान हुआ। सोनिया और प्रिंयका ने खड़गे की पत्नी राधा बाई के साथ भी गर्मजोशी से मुलाकात की।
दरअसल गांधी परिवार ने केवल एक बार इस परंपरा को तब तोड़ा था जब मनमोहन सिंह के घर सोनिया गांधी खुद पहुंची थीं। उस दौरान कोयला घोटाले में पूर्व पीएम को समन दिया गया था। सोनिया गांधी पार्टी दफ्तर से मनमोहन के घर तक एक मार्च निकाला था। कांग्रेस की मजबूती और एकजुटता का सबूत देने के लिए ये आयोजन किया गया था। रवायत के मुताबकि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार के घर जाकर मुलाकात करते रहे हंै।
खड़गे के जाकर गांधी परिवार ने एक संदेश भी दिया कि उन्हें खड़गे बतौर कांग्रेस अध्यक्ष मंजूर हैं। इससे पहल राहुल गांधी भी यह कहकर खड़गे का मान बढ़ाते दिखे कि वे ही तय करेंेग कि पार्टी में अब ुनकी क्या भूमिका होगी ? २१वीं सदी में ये पहली बार है कि गांधी नेहरू परिवा से इतर कोई पार्टी का अध्यक्ष बना है। हालांकि सोनिया गांधी के खड़गे के घर पहुंचने से पहले शशि थरूर उन्हें बधाई देकर लौट चुके थे वे सबसे पहले शख्स थे जा जीत के बाद खड़गे के पास गये। उनका कहना था कि नतीजा कुछ भी रहा हो लेकिन इससे पार्टी को मजबूती मिलने वाली है।