पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस को अपने जीवन के 40 साल दिए हैं
द न्यूज 15
नई दिल्ली। चुनावी माहौल में कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके सीनियर कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने चुनावी मौसम के बीच अपनी पार्टी को खुली चेतावनी दे डाली है।उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस में हिस्सेदार हैं। न कि किराएदार। तिवारी का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब सियासी गलियारों में अटकलें थीं कि वह पार्टी से इस्तीफा देने पर सोच-विचार कर रहे थे। दरअसल, समाचार एजेंसी एएनआई ने 16 फरवरी, 2022 को उनसे पूछा था कि आपके बारे में भी काफी अफवाहें उड़ रही हैं। आप इतने पुराने कांग्रेसी हैं, आप क्या कहना है? वह बोले, “क्या अफवाहें उड़ रही हैं?”
पत्रकार ने जवाब दिया कहा कि आप भी शायद बीजेपी में जाएंगे। इस पर मनीष तिवारी ने साफ किया- मैंने पहले भी यह बात कही है कि हम कांग्रेस में कोई किराएदार थोड़ी ही हैं। हम हिस्सेदार हैं।” हालांकि, वह यह भी बोले कि अगर कोई उन्हें बाहर का रास्ता दिखाता है तब यह दूसरा मसला होगा। उनके मुताबिक, मैंने इस पार्टी को अपने जीवन के 40 साल दिए हैं।
बकौल तिवारी, “हमारे परिवार ने इस देश की अखंडता और एकता के लिए खून बहाया है। हम एक विचारात्मक सियासत में विश्वास रखते हैं, पर कोई धक्के देकर निकालना चाहे, वह अलग बात है।” वैसे, जी-23 नेताओं में शुमार तिवारी ने इससे पहले हिंदी चैनल आज तक के एक कार्यक्रम के दौरान भी कहा था कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ रहे, पर अपने दल के भीतर लोकतांत्रिक सुधारों के लिए जरूर कह रहे हैं। बाकी कांग्रेसियों की तरह पार्टी को अलविदा कहने के प्रश्न पर उन्होंने कहा- मैं पुल को तब पार करूंगा, जब मैं वहां पहुंचूंगा।
उन्होंने बताया था, “अगर पार्टी का एक छोटा कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ देता है तो भी कांग्रेस को नुकसान होगा। वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ी तो भारी नुकसान होगा।”
चूंकि, पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने हाल में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद तिवारी के भी कांग्रेस को टाटा बोलने की अटकल तेज हो गई थीं। तिवारी ने तब हिंदी चैनल से कहा था कि कुमार के पार्टी छोड़ने के निर्णय से हैरान हैं।
बता दें कि जी-23 उन्हीं कांग्रेसी नेताओं को समूह है, जो कि लंबे समय से पार्टी में संगठनात्मक चुनाव के जरिए पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग उठा रहा है। इस ग्रुप ने इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम चीफ सोनिया गांधी को खत लिखकर मांग की थी कि पार्टी लीडरशिप “नजर आनी चाहिए” और चौबीसों घंटे उपलब्ध रहनी चाहिए।